कोविड-19 की वजह से बढ़ी पुरानी कारों की मांग
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में पुरानी कारों के बाजार ने ग्रोथ दर्ज की है. वहीं इस महीने ऐसे वाहनों की मांग फरवरी की तुलना में 25 फीसदी बढ़ी है.
ओएलएक्स के ‘ऑटो नोट’ के चौथे संस्करण में कहा गया है कि जहां तक उपभोक्ता धारणा की बात है. इस सर्वे में 55 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अगले 6 माह में अपने निजी वाहन के इस्तेमाल की योजना बना रहे हैं. इस मांग में गैर-महानगरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेकेंड हैंड वाहनों (pre-owned personal vehicles) की मांग बढ़ने की एकमात्र वजह साफ-सफाई को लेकर चिंता ही नहीं है, बल्कि अब लोगों का निजी वाहन खरीदने का बजट भी कम हो गया है.
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सेकेंड हैंड कार की मांग बढ़ीउद्योग के आंकड़ों के अनुसार मात्रा के हिसाब से पुरानी कारों का बाजार नई कारों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि अब साफ-सफाई की चिंता की वजह से कैब सेवाओं सहित सार्वजनिक परिवहन को लेकर प्राथमिकता घटी है. सर्वे में शामिल 55 फीसदी लोगों का कहना था कि वे भविष्य में अपनी निजी कार से सफर करना चाहेंगे. कोविड-19 (COVID-19) से पहले ऐसा कहने वालों की संख्या 48 फीसदी थी. OLX ने कहा कि वाहन बाजार अब सुधार की राह पर है. सर्वे में शामिल 56 फीसदी लोगों ने अगले तीन से छह माह में कार खरीदने की बात कही.
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कार खरीदने के बजट में कटौती
सर्वेक्षण के अनुसार, अब लोगों की प्राथमिकता में बदलाव आया है. वे एंट्री-लेवल के मॉडल खरीदना चाहते हैं. 72 फीसदी लोगों ने कोविड-19 की वजह से अपने कार खरीदने के बजट में कटौती की है. नई कार के लिए 39 फीसदी लोगों का बजट 3 लाख रुपये से कम है. वहीं 24 प्रतिशत का बजट 4 से 7 लाख रुपये है. पुरानी कारों के लिए 50 प्रतिशत लोगों का बजट 3 लाख रुपये से कम है. वहीं 20 प्रतिशत का बजट 4 से 7 लाख रुपये है. ओएलएक्स (OLX) और ओएलएक्स कैशमाईकार (OLX CashMyCar) ने यह सर्वेक्षण अप्रैल-जून के दौरान किया. इसमें 3,800 लोगों के विचार लिए गए.