कोरोना संक्रमित असद की स्थिति गंभीर होने पर हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे दो बार वेंटिलेटर के रखा और ट्रीटमेंट किया
हमीदिया अस्पताल में भर्ती असद 28 दिन तक कोरोना संक्रमण (COVID-19) से जंग लड़ता रहा. इस दौरान डॉक्टरों ने उसे दो बार वेंटिलेटर (Ventilator) पर रखा. लेकिन वेंटिलेटर पर रखे जाने के बाद भी असद ने कोरोना वायरस को मात दे दी और स्वस्थ होकर वापस घर लौट आया
डॉ. शर्मा के मुताबिक किसी मरीज को दो बार वेंटिलेटर सपोर्ट देने जैसे मामले तो होते हैं लेकिन कोरेाना के मामले में संभवत: (शायद) यह पहला मामला है. उन्होंने बताया कि असद की हालत को देखते हुए 28 दिन तक डॉ. मनिराम, डॉ. एन श्रीवास्तव, डॉ. प्रणय धुर्वे और डॉ. रुचि टंडन की टीम 24 घंटे निगरानी करते थे. हर एक घंटे के ऑक्सीजन सैचुरेशन को काउंट कर ट्रीटमेंट लाइन तय होती थी.
कोरोना पेशेंट की हालत बिगड़ने पर उसे दोबारा वेटिंलेटर पर रखना पड़ा
जानकारी के मुताबिक टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद असद को बीते 23 जून को हमीदिया अस्पताल में लाया गया. कोविड वार्ड इंजार्च डॉ. पराग शर्मा ने बताया कि असद को सर्दी-जुकाम के साथ थर्ड ग्रेड कोरोना संक्रमण था. साथ ही ऑक्सीजन सैचुरेशन भी 50 फीसदी तक रह गया था. दो दिन बाद हालत बिगड़ने पर 25 जून को असद को वेंटिलेटर पर रखा गया. लगभग पांच दिन के ट्रीटमेंट के बाद 30 जून को असद को वेंटिलेटर से हटाकर एनआईवी सपोर्ट यानी नॉन इनवेजिव वेंटिलेटर पर रखा गया.कुछ दिन तबियत सामान्य रहने के बाद पांच जुलाई को असद को दोबारा सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो सात जुलाई को उसे फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया. अगले दिन यानी आठ जुलाई को असद स्टेबल हुआ तो उसे वेंटिलेटर से हटाकर एनआईवी सपोर्ट दिया गया. बाद में तबियत में सुधार होने पर असद को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.