लॉकडाउन में टूटा मुसीबतों का पहाड़, PhD उपाधि वाली महिला ठेले पर फल बेचने को मजबूर | agar-malwa – News in Hindi

लॉकडाउन में टूटा मुसीबतों का पहाड़, PhD उपाधि वाली महिला ठेले पर फल बेचने को मजबूर | agar-malwa – News in Hindi


ये कहानी मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर की है. इंदौर के मालवा मिल चौराहे पर रईसा अंसारी (36) आम बेच रही हैं. देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि उन्होंने पदार्थ विज्ञान में पीएचडी की उपाधि हासिल कर रखी है. वह दो दिन पहले अचानक चर्चा में आयीं.

उन्होंने पिछले दिनों इंदौर नगर निगम को फर्राटेदार अंग्रेजी में गुस्सा जताया. इस वाकये के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. दरअसल, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) सड़क किनारे ठेले पर बेचने वालों के ठेले जब्त करने की मुहिम चला रहे हैं.

वैज्ञानिक बनना चाहती थी
अपनी जिंदगी की कहानी सुनाते हुए रईसा ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी को बताया, “मैं हमेशा से वैज्ञानिक बनना चाहती थी. इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से मैंने पदार्थ विज्ञान में पीएचडी की उपाधि हासिल की और इसके बाद कुछ समय तक स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के रूप में विद्यार्थियों को पढ़ाया. लेकिन अचानक कुछ पारिवारिक दिक्कतें आ जाने के बाद मुझे फल-सब्जी बेचना पड़ा.”किताबें सबसे अच्छी सहेली

36 वर्षीय महिला ने कहा, “मुझे पढ़ाई का जुनून था और किताबें मेरी सबसे अच्छी सहेली हुआ करती थीं. लेकिन हालात की करवटों के कारण मैं किताबों से दूर हो गयी.” रईसा अविवाहित हैं. उनका कहना है कि निजी और पारिवारिक परेशानियों से जूझने के दौरान जिंदगी के उतार-चढ़ाव ने उनकी सोच को बदल दिया है. उन्होंने कहा, “शिक्षा हासिल करने के साथ धन कमाना भी जरूरी है. हालांकि, मौका मिला तो मैं वैज्ञानिक बनने के अपने अधूरे सपने को जरूर पूरा करना चाहूंगी.”

लॉकडाउन के दौरान टूटा मुसीबतों का पहाड़
इन दिनों फल बेच कर आजीविका कमा रही महिला ने कहा, “कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान मेरे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था. लॉकडाउन खत्म होने के बाद एक उम्मीद जगी है और हमने फल-सब्जी का कारोबार दोबारा शुरू किया है.” ठेलों पर सामान बेचने वाले छोटे कारोबारियों के प्रति आईएमसी के मैदानी कर्मचारियों के रवैये को असंवेदनशील करार देते हुए रईसा ने कहा, “ये कर्मचारी खुद को राजा और हमें भिखारी से भी बदतर समझ रहे हैं.”

स्थानीय प्रशासन ने कोविड-19 से बचाव के उपाय के तहत हाल ही में आदेश जारी किया था कि अगर हाथ ठेलों पर सामान बेचने वाले लोगों ने सड़क के किनारे एक ही स्थान पर खड़े होकर व्यापार किया, तो उनके ठेले जब्त कर लिये जायेंगे. इस आदेश का उल्लंघन करने वाले छोटे कारोबारियों से धड़ल्ले से जुर्माना भी वसूला जा रहा था.

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बहरहाल, गुजरे दो दिनों में रईसा और उनके जैसे कुछ ठेले वालों की परेशानियों के अलग-अलग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इन छोटे कारोबारियों को स्थानीय जनता और राजनेताओं का जोरदार समर्थन मिला है. इसके बाद आईएमसी को ठेले जब्त करने के अपने आदेश के अमल पर फिलहाल रोक लगानी पड़ी है.





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