Police deployed, bomb squad from Indair, army officers arrived and showed their partner by calling video, they said smack is candle, they took it with themselves | पुलिस तैनात, इंदाैर से बम स्क्वाड अाया, सेना के अधिकारी पहुंचे अपने साथी काे वीडियाे काॅल कर दिखाया, उन्हाेंने कहा स्माेक कैंडल है, ताे खुद ही अपने साथ ले गए

Police deployed, bomb squad from Indair, army officers arrived and showed their partner by calling video, they said smack is candle, they took it with themselves | पुलिस तैनात, इंदाैर से बम स्क्वाड अाया, सेना के अधिकारी पहुंचे अपने साथी काे वीडियाे काॅल कर दिखाया, उन्हाेंने कहा स्माेक कैंडल है, ताे खुद ही अपने साथ ले गए


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महू36 मिनट पहले

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शहर से करीब पांच किमी दूर महू-नीमच हाई-वे पर गायकवाड़ में सड़क किनारे झाड़ियाें में सेना का बम मिला। इसकी सूचना मिलते ही गुरुवार सुबह 10 बजे किशनगंज व महू पुलिस का बल माैके पर पहुंचा। उन्हाेंने जहां बम मिला उसके अासपास के एरिया काे बंद किया। इसके बाद इंदाैर से बम निराेधक दस्ता व सेना के अधिकारी पहुंचे। सेना के अधिकारी ने उस बम काे अपने सीनियर काे वीडियाे काॅल के जरिए दिखाया। जिसके बाद उन्हाेंने कहा कि यह स्माेक कैंडल है। इसे अपने साथ ही ले अाइए। इसे इंफ्रेंट्री स्कूल कैंपस में ही नष्ट कर देंगे। जिसके बाद वह अधिकारी कार से बम काे अपने साथ ही ले गया। इस दाैरान महू थाना प्रभारी अभय नेमा, बम निराेधक दस्ता इंदाैर के इंचार्ज खालिद मुश्ताक माैके पर माैजूद रहे। फाे

टाइम लाइन : कब क्या हुआ

  • सुबह 10.15 बजे किशनगंज पुलिस काे गायकवाड़ क्षेत्र की झाड़ियाें में सेना का बम हाेने की सूचना मिली।
  • सुबह 10.30 बजे करीब किशनगंज पुलिस के जवान माैके पर पहुंचे।
  • सुबह 11.30 बजे करीब महू टीअाई अभय नेमा के साथ ही पुलिस बल माैके पर पहुंचा।
  • सुबह 11.45 बजे से जहां बम था उस जगह के 100 मीटर रास्ते काे बंद कर दिया।
  • दाेपहर 1.15 बजे इंदाैर से बम निराेधक दस्ता की टीम माैके पर पहुंची।
  • दाेपहर 1.20 बजे सेना के अधिकारी एसएस शाही माैके पर पहुंचे।
  • दाेपहर 1.35 बजे उन्हाेंने अपने वरिष्ठ अधिकारी काे वीडियाे काॅल कर बम दिखाया।
  • दाेपहर 1.45 बजे उन्हाेंने बम काे हाथ से उठाया व कार में रखकर इंफेंट्री स्कूल के लिए रवाना हाे गए।

ऐसे रेंज से सिविल एरिया तक पहुंचा बम

 सेना की रेंज के आसपास घने जंगल में कई बार अासपास रहने वाले ग्रामीण मवेशी चराने के दाैरान बम की खाेल से पीतल निकालकर उसे बाजार में बेचने के लालच में इस बम काे भी साथ ले अाए हाेंगे। इस दाैरान जब उन्हें बम जिंदा नजर आया हाेगा ताे उसे फाेड़ने की बजाय वह कार्रवाई से बचने के लिए डर के मारे झाड़ियाें में फेंक गया।

पीतल कम निकलेगा इसलिए फेंक गए

सेना के सूत्राें ने बताया कि स्माेक कैंडल दिखने में भारी भरकम लगता है। लेकिन उसमें पीतल की मात्रा बहुत कम रहती है। पीतल बीनने वालाें ने इसे उठा ताे लिया, लेकिन जब उन्हें दिखा की इसमें पीतल ताे बहुत कम निकलेगा। इस वजह से वह उसे झाड़ियाें में फेंक गए।

लोकेशन छुपाने के लिए सेना करती है स्मोक कैंडल का इस्तेमाल  
लाेकेशन काे छुपाने के लिए सेना इसका इस्तेमाल करती है। यह एक ऐसा बम हाेता है जिसे जहां पर चलाया जाता है उतने पूरे एरिया में धुआं-धुआं नजर अाता है। इस दाैरान कुछ भी नजर नहीं अाता है। जिससे सैनिक अपनी आईडेंटी छुपा सकता है।

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