आलीराजपुर6 मिनट पहले
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रेशमा पति सरदार ने बच्चा बदलने के बाद हंगामा किया। बाद में वे अपने जीवित बच्चे को पाकर खुश हो गए।
- जिला अस्पताल में गुरुवार रात प्रसूति के बाद एसएनसीयू से हो गई थी बच्चों की अदला-बदली
- आठ दिन के जिंदा बच्चे की जगह दे दिया था एक दिन का मृत बच्चा, परिजनों ने हंगामा किया
जिला अस्पताल में गुरुवार रात अनोखा मामला सामने आया। जिसमें डॉक्टर व नर्सों की लापरवाही से बच्चों की अदला-बदला हो गई। आठ दिन के जिंदा बच्चे की बजाय डॉक्टरों ने परिजनों को एक दिन का मृत बच्चा थमा दिया। परिजन को जब इस बात की शंका हुई तो उन्होंने हंगामा मचा दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने गलती स्वीकारी और परिजन को उनका जिंदा बच्चा वापस दिलवाया।
जानकारी के अनुसार अस्पताल में डिलीवरी के लिए रेशमा नाम की दो महिलाएं भर्ती हुई थीं। जिसमें रेशमा पति सरदार निवासी मोरासा ने आठ दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चा कमजोर होने के कारण उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। वहीं, गुरुवार दोपहर कवठू निवासी रेशमा पति राजू ने भी बच्चे को जन्म दिया था। जो कम वजन का होने के साथ काफी कमजोर था। उसे भी एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। करीब दो घंटे बाद रेशमा पति राजू के बच्चे की मृत्यु हो गई।
ड्यूटी डॉक्टर और नर्स ने रेशमा पति सरदार को बुलाकर कहा के आपके बच्चे की मृत्यु हो गई है। इसे ले जाओ जबकि इनका 8 दिन का बच्चा जीवित था और रेशमा पति राजू के बच्चे की मृत्यु हुई थी। जब इस बात की भनक रेशमा पति राजू के परिजनों को लगी के बच्चों की अदला-बदली हुई है तो उन्होंने अस्पताल मे हंगामा कर दिया। जिसके बाद तुरंत अस्पताल प्रबंधन और ड्यूटी डॉक्टर ने रेशमा पति सरदार को फोन लगाया और बच्चे को वापस अस्पताल लाने का कहा। जिस पर वे रात को मृत बच्चे को अस्पताल वापस लेकर आए।
एक मां की आंख में खुशियों के आंसू दूसरी में दर्द के
अस्पताल में पहले जब रेशमा पति सरदार को मृत बच्चा दिया गया था तो वो रोने लगी थी। रेशमा पति राजू को स्वस्थ बच्चा मिलने पर वो खुश थी। कुछ देर बाद जब मामले का खुलासा हुआ तो बच्चों की ही तरह दोनों रेशमा की खुशियां और गम भी बदल गए। एक मां की आंख में खुशी के आंसू थे तो दूसरी की आंख में दर्द के।
एक लड़का था, एक लड़की थी
जानकारी के अनुसार रेशमा पति राजू ने बालक को जन्म दिया था। जो साढ़े 6 माह का होकर प्री-मेच्यूर था। डॉक्टरों को पहले ही अंदेशा था कि बच्चे का बचना मुश्किल है। उसका वजन भी मात्र 7 किलो था। वहीं, रेशमा पति सरदार ने आठ दिन पहले बालिका को जन्म दिया था।
इस तरह हुई गफलत
डॉक्टरों ने जब रेशमा को आवाज दी तो रेशमा राजू की बजाय बच्चा लेने के लिए रेशमा पति सरदार आ गई। नर्स से उससे पूछा भी कि रेशमा राजू हो क्या? महिला ने हां में जवाब दिया, इसलिए नर्स ने उसे बच्चा दे दिया। बताया जा रहा है कि महिला अनपढ़ है और वह सहमी हुई थी। इसलिए कुछ कह नहीं पाई और मृत बच्चा घर लेकर चली गई।
गलती तो हुई है, बच्चा बदलवा दिया है
रेश्मा नाम की दो महिलाएं होने की वजह से गलती हुई है। जैसे ही हमें अंदेशा हुआ महिला को तुरंत फोन लगाकर वापस बुलवाया और उसे बच्चा दिया। – विकास राठौर, ड्यूटी डॉक्टर
लापरवाही नहीं है, महिला की गलती है
जिला अस्पताल की लापरवाही नहीं है। महिला से कई बार उसका नाम पूछा। उसने रेशमा पति राजू कहा इसलिए उसे बच्चा दे दिया था। बाद में हमें ही अंदेशा हुआ कि बच्चा बदला गया है। हमने तुरंत परिजन को फोन कर वापस बुलाया और सही बच्चा सही परिजन को दिया। – केसी गुप्ता, सिविल सर्जन, आलीराजपुर
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