Anil Kumble recalls ‘Perfect 10’ against Pakistan

Anil Kumble recalls ‘Perfect 10’ against Pakistan


नई दिल्ली: टीम इंडिया के महान स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने साल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली टेस्ट की दूसरी पारी में सभी 10 विकेट लेने के पीछे की पूरी कहानी बयां की है. यहां आपको याद दिला दें कि कुंबले ने दिल्ली के ऐतिहासिक फिरोजशाह कोटला मैदान पर पाकिस्तानी टीम के सभी 10 बल्लेबाजों को आउट करके इतिहास रच दिया था क्योंकि कुंबले ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे गेंदबाज बने थे. कुंबले से पहले ये उपलब्धि इंग्लैंड के जिम लेकर ने हासिल की थी.

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पाकिस्तान के खिलाफ उन रोंगटे खड़े करने वाले पलों को याद करते हुए कुंबले ने जिम्बाब्वे के पूर्व तेज गेंदबाज पॉमलेले मांब्गावा के साथ सोशल मीडिया पर बात करते हुए कहा, ‘मेरे लिए यह ऐसा है कि कल ही हुआ हो. यह मेरे लिए काफी खास है. 2 टेस्ट मैचों की यह वो सीरीज थी जो भारत और पाकिस्तान लंबे समय बाद खेल रहे थे. पहला टेस्ट चेन्नई में खेला गया था जिसे हम 12 रनों से हार गए थे. कोटला में जाते समय हमें पता था कि हमें जीतना होगा.’

कुंबले ने उस टेस्ट के चौथे दिन पिच कैसा व्यवहार कर रही थी, इस बारे में भी विस्तार से बात की और कहा, ‘मुझे पता है कि जब विकेट का व्यवहार दोहरा होता है या उसमें असीमित उछाल होता है तो मैं ज्यादा प्रभावी होता हूं. अगर गेंद ज्यादा स्पिन भी नहीं होती है तो ये ज्यादा मायने नहीं रखता क्योंकि मैं असीमित उछाल का फायदा उठा सकता हूं.’

कुंबले ने इस रहस्य का भी खुलासा किया कि कैसे उनके साथी गेंदबाज जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath) की रणनीति ने उन्हें 10वां विकेट लेने में मदद की थी. कुंबले ने बताया, ‘लंच तक पाकिस्तान को अच्छी शुरुआत मिल चुकी थी. मुझे पता था कि यह एक विकेट की बात है. भोजनकाल के बाद मैंने छोर बदला. फिर मुझे एक विकेट मिला, दूसरा मिला और फिर मिलते चले गए. मैं लंच से टी ब्रेक तक गेंदबाजी करता चला गया, लेकिन थक गया था. मुझे पता था कि मेरे पास अपने प्रदर्शन को बेहतर करने का मौका है क्योंकि मैं 6 पर 6 था. लंच के बाद मुझे 7, 8, 9 विकेट मिल गए. मैंने अपना ओवर खत्म किया और श्रीनाथ आए. शायद इससे मुश्किल स्थिति में उन्होंने गेंदबाजी नहीं की होगी.’

 

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कुंबले ने आगे कहा, ‘श्रीनाथ को सब कुछ भूलना पड़ा और बाहर गेंदबाजी करनी पड़ी, लेकिन मैंने उनसे कुछ नहीं कहा था. मैंने सोचा वसीम अकरम (Wasim Akram) को एक रन दे देते हैं. मैंने सोचा मुझे एक ओवर में विकेट लेना होगा क्योंकि एक और ओवर मांगना अच्छा नहीं लगता. मेरी किस्मत में शायद यह लिखा था, पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में एक मैच से पीछे रहना, फिर यह सब होना, विशेष था.’





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