Coronavirus In Madhya Pradesh Gwalior Bhopal Latest News Updates: COVID Positive Patient Should Reach Hospital In Two Hours | पॉजीटिव को 2 घंटे में अस्पताल पहुंचाना चाहिए, लेकिन दो दिन तक इंतजार कर रहे

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ग्वालियर/भोपाल13 घंटे पहले

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ये तस्वीर भोपाल की है। यहां एंबुलेंस से एक साथ कई मरीजों को अस्पताल ले जाया जा रहा है।

  • पहले रिपोर्ट पॉजीटिव आते ही मरीज को अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाता था, अब मरीजों को कभी पूरी रात तो कभी दूसरे दिन तक इंतजार करना पड़ता
  • भोपाल में एक दिन में संक्रमित मरीजों की संख्या का आंकड़ा 215 तक पहुंच चुका है, रोजाना 100 से ज्यादा मरीज संक्रमित आ रहे हैं

शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ व्यवस्थाएं भी गड़बड़ाने लगी हैं। पहले जहां रिपोर्ट पॉजीटिव आते ही मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाता था, वहीं अब मरीजों को कभी पूरी रात तो कभी दूसरे दिन तक इंतजार करना पड़ता है। आलम ये है कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लिए गए होटलों में भर्ती होने के लिए मरीज खुद ही गाड़ी ड्राइव करके पहुंचने लगे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर में पॉजीटिव आने वाले मरीजों को तत्काल ट्रेस करके उनका इलाज शुरू कराए जाने का दावा किया जा रहा था। लेकिन यह दावा सिर्फ तभी तक सही था, जबकि शहर में 10 की संख्या में पॉजीटिव केस आ रहे थे। संख्या बढ़ते ही पूरी व्यवस्था गड़बड़ा रही है। प्रशासन का दावा यह भी था कि जांच में पॉजीटिव आए मरीज को संबंधित इलाके के इंसीडेंट कमांडर की टीम मरीज में कोरोना लक्षण दिखाई देने पर उसे तत्काल उपचार के लिए कोविड अस्पताल में भर्ती करा रहे हैं, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है, क्योंकि कुछ मरीज दो दिन तक घर में बैठकर अस्पताल पहुंचने का इंतजार करना पड़ रहा है। अनलॉक-2 में मरीजों की संख्या में रोजाना हो रही बढ़ोतरी मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलने का कारण सामने आ रहा है।

दूसरे शहरों से अभी भी आ रहे लोग

शहर में जब पॉजीटिव मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ना शुरु हुई तो स्वास्थ्य अमले व प्रशासन ने दावा किया था कि जो भी मरीज पॉजीटिव मिलेगा उसके पॉजीटिव आने के कारणों की पड़ताल की जाएगी। वहीं, संक्रमण के फैलाव की जानकारी लेकर संक्रमण की चेन तोड़ी जाएगी। लॉकडाउन और अनलॉक में भी दूसरे शहरों से लोगों की आवाजाही शहर में लगातार जारी रही, जिसके कारण ही कोरोना संक्रमण पूरे जिले में बेकाबू हो चला है। इलाज शुरू होने में समय ज्यादा लगने पर सबसे ज्यादा नुकसान उन मरीजों को होता है जो अन्य बीमारियों से ग्रसित होते हैं।

पॉजीटिव होम क्वारैंटाइन, परिवार घूम रहा शहर में
आईसीएमआर द्वारा बदली गई गाइडलाइन अब स्वास्थ्य और प्रशासन के लिए ही भारी पड़ रही है। गाइडलाइन के अनुसार बिना लक्षण यानि ए- सिस्टेमेटिक पॉजीटिव मरीज को होम क्वारैंटाइन किया जा रहा है। ऐसे में पॉजीटिव मरीज ही नहीं, बल्कि परिवार के लोग शहर में घूम कर लोगों को कोरोना फैला रहे हैं।

एक साथ मरीज बढ़ने से बैकलॉग बढ़ गया है
एक साथ मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से बैकलॉग बढ़ गया है। मैं स्वयं एक-एक मरीज की मॉनीटरिंग कर रहा हूं। होम क्वारैंटाइन किए गए मरीजों की भी नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। 108 एंबुलेंस के अलावा अन्य वाहनों की व्यवस्था की जा रही है। -डॉ.वीके गुप्ता, सीएमएचओ ग्वालियर

इलाज में देरी, कोरोना पेशेंट को लेने 12-12 घंटे बाद पहुंच रही एंबुलेंस

भोपाल में एक दिन में संक्रमित मरीजों की संख्या का आंकड़ा 215 तक पहुंच चुका है। रोजाना 100 से ज्यादा मरीज संक्रमित आ रहे हैं। ऐसे में मरीजों के हॉस्पिटल में समय पर भर्ती नहीं किए जाने की शिकायतें सामने आने लगी हैं। मरीजों के परिजनों का कहना है कि सुबह सूचना मिलने के बाद भी रात 10 बजे एंबुलेंस पहुंच रही है। वजह- डेडिकेटेड एंबुलेंस की कमी है। शहर में अभी 12 एंबुलेंस ही ऑपरेट हो रही हैं। इसमें दो-दो हमीदिया व एम्स की, चार चिरायु हॉस्पिटल और 4 एंबुलेंस 108 इमरजेंसी सेवा की हैं। इस मामले में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी से बात करने की कोशिश लेकिन उन्होंने कोई जवाब देना जरूरी नहीं समझा।

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