Betul Additional District Judge Mahendra Kumar Tripathi and his son died in Nagpur due to food poisoning | बैतूल के अपर जिला न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे की फूड पॉइजनिंग से नागपुर में मौत

Betul Additional District Judge Mahendra Kumar Tripathi and his son died in Nagpur due to food poisoning | बैतूल के अपर जिला न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे की फूड पॉइजनिंग से नागपुर में मौत


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बैतूल (विनोद पातरिया)13 घंटे पहले

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महेंद्र कुमार त्रिपाठी बैतूल में एडीजे थे। 20 जुलाई की रात खाना खाने के बाद उनकी और बड़े बेटे की तबीयत खराब हो गई थी।- फाइल फोटो।

  • चार-पांच दिन पहले एडीजे और उनके दोनों बेटों को फूड पॉइजनिंग की शिकायत हुई थी, तीनों ने घर पर ही भोजन किया था
  • खाना पत्नी ने बनाया था, लेकिन उन्होंने नहीं खाया था, दोनों बेटों और पति ने खाया, तो तबीयत बिगड़ गई थी

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बड़े बेटे की फूड पॉइजनिंग से नागपुर में मौत हो गई। पोस्टमाॅर्टम के बाद शवों को उनके गृह जिला कटनी ले जाया जाएगा। एडिशनल एसपी श्रद्धा जोशी ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि किस प्रकार का फूड पॉइजनिंग हुई थी। फिलहाल, बैतूल में एडीजे के आवास को सील कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि चार-पांच दिन पहले एडीजे और उनके दोनों बेटों को फूड पॉइजनिंग की शिकायत हुई थी। तीनों ने घर पर ही भोजन किया था। तबीयत बिगड़ने पर पहले उन्होंने घर पर ही उपचार किया। छोटे बेटे की तबीयत तो ठीक हो गई। एडीजे और उनके बड़े बेटे अभियान राज त्रिपाठी की हालत बिगड़ती चली गई। इसके बाद दोनों को शनिवार को ही नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल ले जाया जा रहा था। रास्ते में बड़े बेटे की मौत हो गई। देर रात अस्पताल में एडीजे की भी मौत हो गई।

पहले पाढ़र में भर्ती कराया, हालत बिगड़ी तो नागपुर रैफर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोशी के मुताबिक, फूड पाॅइजनिंग के बाद एडीजे और उनके बेटे को 23 जुलाई को पाढ़र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां हालत बिगड़ने पर नागपुर रैफर किया था। एएसपी के मुताबिक, परिवार ने 20 जुलाई की रात में जो भोजन किया था, उसके बाद हालत बिगड़ी।

चपातियां खाने से फूड पॉइजनिंग का संदेह
पुलिस को संदेह है कि मजिस्ट्रेट परिवार ने जो चपातियां खाई थीं, उससे फूड पाॅइजनिंग हुई। जबकि पत्नी ने चपाती नहीं खाई थी। उन्होंने चावल खाया था। जिसके कारण वे पाॅइजनिंग का शिकार नहीं हुई। पुलिस मामले में घर में रखे आटे की सैंपलिंग करेगी। बिसरा भी जांच के लिए भेजा जाएगा। इधर, पाढ़र हॉस्पिटल प्रबंधन ने भी बताया कि जब पिता-पुत्र को अस्पताल लाया गया था, तब हालत गंभीर थी।

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