जबलपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने कृमि की दवा से कोरोना ठीक करने का दावा किया.
जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Netaji Subhash chandra Bose Medical College) में डॉक्टरों ने COVID-19 के हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर किया प्रयोग. 150 से ज्यादा मरीज हुए स्वस्थ.
कोरोना आइसोलेशन अस्पताल के प्रभारी डॉ. संजय भारती का कहना है कि शुरुआत में हमने कुछ पॉजिटिव मरीजों को आइवरमेक्टिन दवा का डोज देना शुरू किया. ये वही दवा है जो बच्चों को अक्सर पेट की कृमि यानी कीड़े मारने के लिए दी जाती है. दवा ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर गजब का असर किया और मरीज 5 से 6 दिन में ही कोरोना नेगेटिव हो गया. दवा के अच्छे परिणाम देखते हुए सभी मरीजों को देना शुरू किया और आज 150 से ज्यादा मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.
माइल्ड वायरस पर सबसे ज्यादा कारगर
डॉक्टरों का कहना है यह दवा माइल्ड कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए ज्यादा कारगर साबित हो रही है. क्योंकि शुरुआती दौर में अगर यह दवा दी जाती है तो मरीज जल्दी रिकवर करता है और उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है. अति गंभीर मरीजों पर दवा का असर कम दिखाई दे रहा है. अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान हाई फ्लो ऑक्सीजन, स्टेरॉयड, विटामिन सी व जिंक का डोज दिया जा रहा है. इसके अलावा अन्य लक्षणों के आधार पर दवाएं मरीजों को दी जा रही हैं.