भोपाल में एड्स के एक मरीज़ ने दी कोरोना को मात, देश का पहला मामला | bhopal – News in Hindi

भोपाल में एड्स के एक मरीज़ ने दी कोरोना को मात, देश का पहला मामला | bhopal – News in Hindi


मरीज पूरी तरह से कोरोना की चपेट में था जिसके आत्मविश्वास ने ही कोरोना को हराया है.

भोपाल AIIMS के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह के मुताबिक एचआईवी (HIV) पीडि़त मरीज की हालत गंभीर होने के बाद कोरोना को हराने का ये पहला मामला है

भोपाल.राजधानी भोपाल (bhopal) का एक HIV पॉजीटिव (HIV Positive) मरीज कोरोना (corona) को हराकर अपने घर वापस लौट आया. केस क्रिटिकल इसलिए था क्योंकि मरीज की इलाज के दौरान दो बार तबियत इतनी बिगड़ गई कि उसे वेंटीलेटर पर भी रखना पड़ा. लेकिन मरीज और डॉक्टरों (doctors) दोनों ने हिम्मत नहीं हारी. कोरोना इन सबके सामने हार गया. एम्स (AIIMS) प्रशासन के मुताबिक एचआईवी पॉजीटिव मरीज के कोरोना को हराने का ये देश का पहला मामला है.

 मिलते जुलते केस
भोपाल एम्स प्रशासन ने बताया कि इससे पहले लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भी एक एचआईवी पॉजीटिव को कोरोना के बाद डिस्चार्ज किया गया था. लेकिन वो एसिम्टोमेटिक (Asymptomatic) मरीज़ था और सप्ताह भर के अंदर की मरीज की दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी. लेकिन भोपाल का ये मरीज पूरी तरह से कोरोना की चपेट में था जिसके आत्मविश्वास ने ही कोरोना को हराया है.

यह है मामला10 जुलाई को 35 साल के युवक को कोरोना के लक्षणों के साथ एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. युवक को तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ थी.टेस्ट में मालूम हुआ की डीप निमोनिया के कारण इंफेक्शन काफी बढ़ गया है. सीटी स्कैन में पता चला कि संक्रमण फैफड़ों तक में फैल गया था. मजबूरन डॉक्टरों को स्थिति को देखते हुए मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. चार दिन के इलाज के बाद सिचुएशन नॉर्मल होने पर मरीज का वेंटिलेटर हटाया गया. इसके तीन दिन बाद एक बार फिर सांस लेने में तकलीफ हुई और ऑक्सीजन सैचुरेशन अचानक कम हो गया तो मरीज को दोबारा वेंटिलेटर पर रखना पड़ा.

पूरी तरह ठीक होने और कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद इस मरीज को डिस्चार्ज किया गया.एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह के मुताबिक एचआईवी पीडि़त मरीज की हालत गंभीर होने के बाद कोरोना को हराने का ये पहला मामला है.





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