Crisis in front of the artists who brought raw material on the loan, making small statues and refreshments | कर्ज पर कच्चा माल लेकर आए कलाकारों के सामने संकट, बना रहे छोटी प्रतिमाएं और ताजिए

Crisis in front of the artists who brought raw material on the loan, making small statues and refreshments | कर्ज पर कच्चा माल लेकर आए कलाकारों के सामने संकट, बना रहे छोटी प्रतिमाएं और ताजिए


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ग्वालियर26 मिनट पहले

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  • इस बार एक फीट से ज्यादा की गणेश प्रतिमा और ताजिए बनाने पर प्रतिबंध

कोरेाना संक्रमण की वजह से गणेशोत्सव के लिए पंडाल नहीं सजेंगे और मोहर्रम में बड़े ताजिए भी नहीं रखे जाएंगे। प्रशासन ने एक फीट की गणेश प्रतिमा और ताजिए बनाए जाने की गाइडलाइन जारी की है। इसके बाद वह कलाकार परेशान हैं जो बड़े ताजिए और प्रतिमाएं बनाते थे। यह लोग कर्जा लेकर कच्चा सामान ले आए हैं। अब छोटी प्रतिमाएं और ताजिए बनाए जाना है। गणेश प्रतिमा बनाने वाले कलाकार छोटी प्रतिमाएं बनाने की तैयारी करने लगे हैं। लेकिन ताजिया बनाने वालों का कहना है कि 1 फीट के ताजिए बनाना मुश्किल काम है। बच्चों के लिए बनाए जाने वाले ताजिए भी 2 फीट के होते हैं।

प्रतिवर्ष 10 से 25 फीट की गणेश प्रतिमाएं ऑर्डर पर बनाई जाती थीं
जीवाजीगंज, नई सड़क और गोल पहाड़िया पर बड़े और छोटे गणेश बनाए जाते हैं। यहां पर कलाकारों के पास बड़ी प्रतिमाएं बनाए जाने के ऑर्डर पहले से होते हैं जबकि छोटी प्रतिमाएं वह एक साथ बनाकर बाजार में देते हैं। प्रतिवर्ष 10 से 25 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं ऑर्डर पर बनाई जाती थीं। यह प्रतिमाएं अगस्त के पहले सप्ताह में तैयारी के अंतिम दौर में पहुंचने लगती है। जीवाजीगंज के कलाकार राकेश नागवंशी का कहा है कि बड़ी गणेश प्रतिमाएं बनाने की तैयारी कर ली थी, इसके लिए जो सामान लाए थे उससे लगभग ढाई लाख का कर्जा हो गया है। 2 फीट के गणेश भी पहले से ही बना लिए थे अब वह भी नहीं बिकेंगे। ऐसे में वह कर्जा कैसे चुकाएंगे।

बड़े ताजिए तैयार करने लगे थे अब एक फीट के कैसे बनेंगे
बड़े पंडाल न लगाए जाने के आदेश के बाद ताजिए बनाने वाले कलाकार भी परेशान हैं। रामाजी का पुरा के कलाकार शादाब का कहना है कि ताजिए बनाने के लिए कच्चा सामान ले आए हैं। कुछ कलाकारों ने ऑर्डर लेकर ताजिए बनाना भी शुरू कर दिए थे लेकिन एक फीट के ताजिए रखने के आदेश आने के बाद उन्होंने काम रोक दिया है। कलाकारों का कहना था वह कर्जा लेकर सामान लाए थे और ताजिए की बिक्री के बाद कर्जा चुकाने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन अब उनकी उम्मीद पर पानी फिर गया है। इसके साथ ही यह लोग असमंजस में हैं कि एक फीट के ताजिए कैसे बनाएंगे। अब तक वह बच्चों के लिए सबसे छोटे ताजिए बनाते थे वह भी 2 फीट के होते थे।

महामारी के बाद फिर उत्सव मनाएंगे
धर्म से जुड़े ग्रंथों में गणेशोत्सव मंदिरों में मनाए जाने का उल्लेख है। घरों पर भी इसे मनाया जाता है। भक्त मंदिरों में पूजा करें, घरों में गणेश प्रतिमा स्थापित करें और घर में ही किसी बर्तन विसर्जित करके उसे पौधों में डाल देना चाहिए। इस बार पंडाल न लगाएं, जीवन बड़ा महत्वपूर्ण है, महामारी के बाद फिर उत्सव मनाएंगे।
-महंत रामसेवक दास, सिद्ध पीठ गंगादास की बड़ी शाला
ताजिए के आकार को लेकर पुनर्विचार करना चाहिए
प्रशासन की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। सवारी व अखाड़े निकालने वालों को संदेश दिया है कि संक्रमण काल में सवारी व अखाड़े न निकालें। ताजिए प्रतीकात्मक रूप के अनुसार ही रखे जाएंगे। प्रशासन को ताजिए के आकार के मामले में पुनर्विचार करना चाहिए।
-अब्दुल अजीज कादरी, शहर काजी

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