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- People Suffering From Corona Are Suffering From Cold, Cold, Asthma, Malaria And Vomiting And Diarrhea Less Than 60%
ग्वालियर2 घंटे पहले
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- इस बार जेएएच में डेंगू का एक भी रोगी नहीं हुआ भर्ती पिछले साल थे 21 मरीज
काेराेना संक्रमण से बचने के लिए बढ़ी जागरुकता के कारण शहर में पिछले साल के मुकाबले मलेरिया, अस्थमा, डेंगू और उल्टी-दस्त के राेगियाें की तादात 60 फीसदी से भी कम है। ये आश्चर्यजनक है कि जुलाई खत्म होने को है और संभाग के सबसे अस्पताल जेएएच में डेंगू का एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है। बारिश के मौसम में होने वाला संक्रमण और मच्छरजनित बीमारियों का असर कम होने के पीछे बड़ी वजह है, लाेगाें का बार-बार हाथ धाेना, सेनिटाइज करना और घराें में रहने के साथ मास्क का उपयाेग करना। विशेषज्ञाें के मुताबिक काेराेना से बचने के लिए बरती जा रही सावधानी ने ही दूसरे राेगाें काे भी पनपने नहीं दिया है। गाैरतलब है कि बारिश के माैसम में डेंगू के लक्षण वाले 5 से 7 मरीज प्रतिदिन आने लगते थे। डॉक्टरों के मुताबिक, पिछले साल मेडिसिन में 60 मरीज भर्ती होने पर 20 से 25 मरीजों काे एंटी मलेरिया दवा देनी पड़ती थी, लेकिन इस बार 5 से 6 मरीजों को ही एंटी मलेरिया दवा देनी पड़ी है। इस सीजन में दूषित खाने-पीने का सामान का प्रयोग करने के कारण दस्त के मरीज बढ़ जाते थे। इस बार लोग बाहर का खाने और पीने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण दस्त के मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में आधे से भी कम रह गई है।
सावधानी बढ़ी… इस कारण इस बार मलेरिया व अस्थमा के राेगियाें में 60 फीसदी की कमी आई
जीआरएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय पाल सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचऐ के लिए लोग मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं। लोग ऐसे स्थानों पर भी जाने से बच रहे हैं जहां उन्हें किसी प्रकार का संक्रमण का खतरा हो सकता है। इस बार बारिश भी पिछले साल की तुलना में कम हुई है। इस कारण मलेरिया के मरीजों में 60 फीसदी की कमी आई है। मास्क पहनने से अस्थमा और सांस के रोगियों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है।
खानपान में बदलाव… इस कारण सामान्य सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या भी 40 फीसदी कम
मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय धबले के मुताबिक, बारिश के सीजन में बार-बार जुकाम के साथ बुखार आना आम बात हाेती है। इस सीजन में इस तरह के राेगी 45 से 50 फीसदी तक बढ़ जाते थे। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते खानपान में आए बदलाव, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने तथा मास्क का प्रयोग हाेने के कारण सामान्य संक्रमण कम हाे रहा है। लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर भी सजग हैं। इस कारण सामान्य सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में 40 फीसदी की कमी आई है।
स्किन की ओपीडी में भी मरीज 50% से कम
जेएएच के स्किन विभाग में जहां प्रतिदिन की ओपीडी औसतन 400 से 450 रहती थी। वर्तमान में स्किन की ओपीडी में महज 125 से 150 मरीज औसतन राेजाना आ रहे हैं। स्किन के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुभव गर्ग का कहना है कि कोरोना के कारण लाेग जागरुक हुए हैं। साथ ही स्किन रोगियों की संख्या में कमी का एक बड़ा कारण भय भी है। लाेग काेराेना संक्रमण के डर से जेएएच में नहीं पहुंच रहे हैं।
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