युवक मदद के लिए चिल्लाता रहा लेकिन सब वीडियो बनाते रहे
नदी (river) काफी उफान पर थी इसलिए किसी ने भी उसे बचाने के लिए अपनी जान खतरे में नहीं डाली.
बारिश शुरू होते ही उफनते नाले-नाली पार कर जान जोखिम में डालने की तस्वीरें सामने आने लगती हैं. ऐसी ही एक तस्वीर हरदा जिले में भी सामने आयी है. यहां मछली के शिकार का शौक एक युवक को महंगा पड़ गया. इस लापरवाही की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकाना पड़ी.
जूनापानी गांव का रहने वाला आदिवासी ग्रामीण अमरसिंह कालीमाचक नदी में मछली पकड़ने गया था.वो चारूवा गांव के नज़दीक बीच नदी में एक चट्टान पर उतर गया. बस उसी दौरान कालीमाचक नदी का पानी अचानक बढ़ गया. नदी का उफान लगातार बढ़ता देख वो एक बड़ी चट्टान पर खड़ा हो गया और मदद के लिए पुकारने लगा. किनारे मौजूद लोगों ने उसे पानी में फंसे देखा. लेकिन नदी काफी उफान पर थी इसलिए किसी ने भी उसे बचाने के लिए अपनी जान खतरे में नहीं डाली. सब लोग नदी किनारे खड़े उसका वीडियो बनाते रहे. प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं पहुंची.
नदी में छलांगनदी का पानी बढ़ता जा रहा था. अमर सिंह घबरा गया. काफी देर तक कोई मदद न मिलते देख वो घबराहट में खुद ही बचने के प्रयास में तेज बहाव में कूद गया. बहाव इतना तेज़ था कि पलक झपकते ही लहरें उसे अपने साथ बहा ले गयीं. खबर पाकर पुलिस अपनी टीम लेकर उसे बचाने पहुंची. लेकिन दूर-दूर तक अमर सिंह का पता नहीं चल सका.
बारिश में उफनी कालीमाचक
पहाड़ी नदी होने के कारण वन क्षेत्र में हुई बारिश का पानी अचानक कालीमाचक नदी में आ जाता है. छिपावड थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस टीम के साथ वो खुद मौके पर पहुंची थीं. लेकिन तब तक ग्रामीण नदी में कूद चुका था और तेज़ बहाव में बह गया था.करीब 2 किमी तक तलाश की गई लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.
पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वो उफनते नाल-नालियों और नदी से दूर रहें. बारिश में अचानक उफान आने से ये जान के लिए खतरनाक हो सकता है. पुलिस ने अपील करते हुए आमजनता से कहा कि बारिश में पहाड़ी नदियों की ओर न जाएं.