झाबुआएक घंटा पहले
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पेटलावद जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गोदड़िया के ग्राम वालनवारा सहित चार फलियों के लोग सड़क नहीं होने के कारण परेशानी उठा रहे हैं। समस्या की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर जनपद के अधिकारियों से भी की गई लेकिन समाधान नहीं हुआ। बारिश में सबसे ज्यादा परेशानी आती है। ग्रामीणों को नौ नाले पार कर मुख्य सड़क तक पहुंचना पड़ता है। दरअसल, यह ग्राम रतलाम-बामनिया मुख्य मार्ग से करीब 5 किमी अंदर की तरफ है। गांव के दूसरे किनारे पर कुछ दूरी पर ही माही नदी बह रही है। चार फलियो वालनवारा, कटारा फलिया, कालिया फलिया, नवापाड़ा मिलाकर बने इस गांव में लगभग 600 से अधिक लोग निवासरत है, जो परेशानी उठा रहे हैं। गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को लगभग 5 किमी पैदल चलना पड़ता है। गांव में सड़कें आज भी कच्ची है। ग्रामीणों ने बताया मार्ग में गांव तक पहुंचने के लिए 9 नाले पार करना पड़ते हैं। कई बार इन नालों में गिरकर कई दुर्घटनाएं ग्रामीणों के साथ हो चुकी है। ज्यादा हादसे बारिश के दिनों में होते हैं। अधिक वर्षा होने पर इस गांव का संपर्क भी टूट जाता है, इसके बाद भी जिम्मेदार सड़क बनाने में रुचि नहीं दिखा रहे।
नहीं पहुंचती एम्बुलेंस, कई बार रास्ते में हो जाती है प्रसूति
वालनवारा के रहने वाले थावरिया गामड़, गलिया गामड़, लक्ष्मण गामड़, मंजी भाबर, हरिंग गामड़ ने बताया बीमारी और डिलेवरी के समय जननी व एम्बुलेंस को फोन लगाया जाता है। लेकिन सड़क नहीं होने के चलते एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती है। हम लोग मरीज को लेकर 5 किमी मुख्य मार्ग तक जाते हैं तब कोई वाहन उपलब्ध होता है। कई बार मुख्य मार्ग तक पहुंचते-पहुंचते डिलेवरी रास्ते में ही हो जाती है। खासकर बारिश के मौसम में ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नालों की वजह से दो पहिया वाहन तक नहीं निकल पाते हैं। यदि सड़क बन जाती है ग्रामीण मुख्य धारा से जुड़े जाएंगे।
समाधान के लिए सीएम तक को पत्र लिखकर की शिकायत
बड़ी देहंडी के जनपद सदस्य तेजमल सोलंकी ने बताया उन्होंन मामले की शिकायत जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग और कलेक्टर तक से की थी। लेकिन समाधान अब तक नहीं हुआ। यहां तक कि सीएम शिवराज चौहान को भी पत्र लिखे हैं, पर अधिकारी और जनप्रतिनिधि रुचि नहीं ले रहे। ग्रामीणों का कहना है सरकार द्वारा सड़क, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं देने की घोषणाएं की जाती है पर वह पूरी नहीं हो पाती। रोड का एस्टीमेट बनवाता हूं ^मैं उपयंत्री को भेजकर रोड का एस्टीमेट बनवाता हूं। इसके बाद शीघ्र काम शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। एनएस चौहान, जनपद सीईओ, पेटलावद
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