Kishore Kumar Birth Anniversary: अभिनय के दौरान डायलॉग भूल जाते थे किशोर कुमार, फिर पड़ती थी अशोक कुमार से डांट | khandwa – News in Hindi

Kishore Kumar Birth Anniversary: अभिनय के दौरान डायलॉग भूल जाते थे किशोर कुमार, फिर पड़ती थी अशोक कुमार से डांट | khandwa – News in Hindi


किशोर कुमार का प्रसिद्ध जुमला था दूध जलेबी खाएंगे-खंडवा में बस जाएंगे.

Kishore Kumar Birth Anniversary: किशोर कुमार का खंडवा स्थित पैतृक घर खंडहर में तब्दील हो रहा है. स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार इसे संग्रहालय (museum) बना दे.

खंडवा. 4 अगस्त को बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध और लोकप्रिय पार्श्व गायक एवं अभिनेता स्व. किशोर कुमार (Kishore Kumar) का जन्मदिन है. उस किशोर कुमार का जिसे दुनिया वालों ने कभी मनमौजी कहा, कभी अल्हड़, लेकिन किशोर कुमार खंडवे (Khandwa) वाला ताउम्र किशोर ही रहा.

किशोर कुमार, बॉलीवुड का ऐसा मनमौजी इंसान जिन्होंने अपनी आवाज, अपनी जिंदादिली के बल पर लोगों के दिलों पर राज किया. न सिर्फ खुद अपनी एक्टिंग के बल पर लोगों को गुदगुदाया, बल्कि सितारों की पीढ़ी को अपनी आवाज से सजाया भी. 4 अगस्‍त को उसी सितारे का 91वां जन्मदिन है. 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के छोटे से शहर खंडवा जिले के एक बंगाली परिवार में उनका जन्म हुआ था. उनका नाम आभाष रखा गया. पिता कुंजलाल गांगुली खंडवा में पेशे से वकील थे. चार भाई बहनों में आभाष गांगुली सबसे छोटे थे. बड़े भाई अशोक कुमार बॉलीवुड में एक स्थापित नाम थे. आभाष खंडवा से भागकर अपने बड़े भाई अशोक कुमार के पास मुंबई चले गए. मुंबई में अशोक कुमार ने आभाष से फिल्मों में एक्टिंग करने को कहा, लेकिन आभाष का मन एक्टिंग में नही लगता था. अशोक कुमार की जिद के बाद उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया. जहां बालीवुड ने उन्हें किशोर कुमार का नाम दिया.

डायलॉग भूल जाते थेकिशोर कुमार ने 1946 में शिकारी फिल्म से एक्टिंग शुरू की शुरुआत की थी. वह शूटिंग के दौरान अक्‍सर डायलॉग भूल जाते थे. अशोक कुमार की डांट-फटकार के बाद किसी तरह उन्होंने फिल्म पूरी कर ली. किशोर कुमार का अब भी एक्टिंग में मन नहीं लगता था. वो केएल. सहगल की तरह गायक बनना चाहते थे. वर्ष 1948 में खेमचन्द्र प्रकाश के संगीत निर्देशन में फिल्म जिद्दी के लिए उन्होंने पहली बार देवानंद के लिए गाना गाया. गीत के बोल थे “मरने की दुआएं क्यूँ मांगू, जीने की तमन्ना कौन करे.’ इसके बाद किशोर कुमार ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

हर दिल अजीज़
संगीतकार एसडी बर्मन का साथ पाकर किशोर कुमार ने हर रोज नई ऊंचाइयों को छुआ. बॉलीवुड में राजेश खन्ना, शशि कपूर, देव आनंद, अमिताभ बच्चन जैसे कलाकारों की आवाज़ बन गए. फिल्मों में किशोर कुमार की रोमांटिक, चुलबुली आवाज या अदाकारी फिल्म की हिट होने की गारंटी मानी जाती थी.

लाला जलेबी वाले
किशोर कुमार को अपनी जन्मभूमि खंडवा से बहुत लगाव था. देश-विदेश में भी वह खंडवा का जिक्र करना नहीं भूलते थे. यही नहीं खंडवा में बचपन में जिस लाला जलेबी वाले के यहां वो दूध-जलेबी खाया करते थे, उस दुकान को भी नहीं भूले. उनका प्रसिद्ध जुमला था ‘दूध जलेबी खाएंगे-खंडवा में बस जाएंगे.’

अधूरा रह गया सपना
हालांकि, किशोर कुमार का खंडवा में बसने का सपना पूरा नहीं हो पाया. लेकिन, किशोर कुमार को जितना खंडवा से लगाव था उतना खंडवा वालों ने भी उन्हें अपने सर आंखों पर बैठाया. उनके यहां स्थित पैतृक मकान को लोगों ने मंदिर से कम नहीं समझा. घर अब पूरी तरह खंडहर हो गया है. खंडवा के लोगों को इसकी बड़ी टीस है. लोग खंडहर होते इस अवशेष को संग्रहालय में तब्दील करने की सरकार से मांग कर रहे हैं, ताकि किशोर दा की की स्मृतियों को यहां हमेशा के लिए सहेज कर रखा जा सके.





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