Due to rain, more than one lakh hectare crop was in danger | बारिश की खेंच से एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा में फसल पर मंडराने लगा खतरा

Due to rain, more than one lakh hectare crop was in danger | बारिश की खेंच से एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा में फसल पर मंडराने लगा खतरा


खाचराैद19 मिनट पहले

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  • पीले हाे रहे पत्ते, दिन में मुरझाकर सूखने तक लगे

बारिश की लंबी खेंच की वजह से अंचल के किसानाें के सिर पर चिंता की लकीरें खींच गई है। डेढ़ माह पहले किसानाें ने बोवनी की थी। उसके बाद से ही बारिश की बेरुखी चली आ रही है। अब तक छिटपुट बारिश के अलावा अंचल में तेज बारिश नहीं हो पाई है। इसके चलते फसलें बिगड़ने की कगार पर पहुंच रही है। नदी, तालाब, कुएं भी अभी तक नहीं भर पाए है। इससे किसानों को आने वाली फसलों की भी चिंता अभी से सताने लगी है। तेज बारिश नहीं हुई तो आने वाली फसल में भी पानी की किल्लत हो जाएगी। कई लोग मंदिरों में पूजन कर रहे हैं तो कई लोग उज्जैनी मनाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने का प्रयास कर रहे हैं।
पिछले वर्ष की तुलना में 65 प्रतिशत बारिश ही हुई
इधर, तहसील कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष के मुकाबले मात्र 65 प्रतिशत बारिश अब तक हुई है। जहां विगत वर्ष में 4 अगस्त तक 534 मिमी (21 इंच) बारिश हो चुकी थी, उसके मुकाबले इस वर्ष 348 मिमी (13.7 इंच) ही बारिश हुई है। बारिश की बेरुखी के बीच सूर्य देव भी गर्मी का कहर बरपा रहे हैं। दिनभर लोग गर्मी से परेशान हो रहे हैं। सभी काे बारिश का इंतजार है।
किसान स्प्रिंग विधि से पानी देना शुरू करें
पूरे विकासखंड में करीब एक लाख आठ हजार हेक्टेयर में बोवनी हुई है। इसमें से 1 लाख 3400 हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है। 1980 हेक्टेयर में मक्का शेष में उड़द, अरहर आदि छिटपुट फसल बोई है। कृषि विस्तार अधिकारी के.एस. मालवीय ने बताया कि पानी की खेंच व गर्मी की वजह से ऊंची जमीनों में फसलों पर असर हाेने लगा है, थोड़ी मुरझाने लगी है। ऐसे स्थानों पर किसानाें काे स्प्रिंग विधि से पानी देना शुरू करना चाहिए। कुछ क्षेत्रों में छिटपुट बारिश अभी हो गई है, इसके चलते उन क्षेत्रों में फसलों को अभी कोई समस्या नहीं दिख रही है। निचले स्थानों व नमी वाली जमीनों पर अभी कोई नुकसान नहीं है।

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