शाहपुर14 मिनट पहले
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- बच्चों को छात्रावासों में रखकर पढ़ाने वाले पालकों को आदेश की प्रतीक्षा
प्रीमैट्रिक छात्रावासों में नवीन सत्र में क्या व्यवस्था रहेगी। इस पर शासन स्तर से कोई निर्देश नहीं पहुंचे हैं। छात्रावास में रहने वाले पूर्व विद्यार्थियों और अपने बच्चों को छात्रावासों में रखकर पढ़ाने वाले पालकों को शासन के आदेश की प्रतीक्षा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए फिलहाल स्कूल बंद होने से अभी तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन भविष्य की व्यवस्थाओं को लेकर नई गाइड लाइन आना जरूरी है। विभाग फिलहाल छात्र-छात्राओं को स्कूलों में एडमिशन तो दे रहा है, लेकिन छात्रावास, हाेस्टलों के लिए कोई आवेदन आदि नहीं ले रहा है। प्राचार्यगण भी किसी तरह के निर्देश नहीं होने की बात कह रहे हैं।
1- बालक स्कूल में 610 एडमिशन
शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक स्कूल में अब तक 610 बच्चों ने एडमिशन लिया है। कोई शुल्क भी नहीं लिया जा रहा है। एक प्रपत्र में मोबाइल और टीवी की जानकारी मांगी जा रही है, ताकि ऑनलाइन पढ़ाई में सुविधा हो सके। बच्चों को पुस्तकें भी दी जा रही हैं। प्राचार्य एसके जैन ने बताया स्कूल में एडमिशन की प्रक्रिया जारी है, लेकिन छात्रावास, हाेस्टलों में प्रवेश के लिए फिलहाल कोई निर्देश नहीं हैं।
2 – गर्ल्स एक्सीलेंस में अब तक 580 एडमिशन
गर्ल्स एक्सीलेंस में अब तक 580 छात्राओं के एडमिशन हो चुके हैं। पिछले साल यहां 740 छात्राएं थीं। इस बार भी इतनी ही दर्ज संख्या हो सकती है। यहां स्कूल में कमरों की कमी नई व्यवस्था में परेशानी की वजह बन सकती है।
यहां भी छात्रावास में प्रवेश के लिए कोई निर्देश नहीं हैं। प्राचार्य वीके नामदेव ने बताया स्कूल के नए भवन का काम बीते डेढ़ साल से बंद पड़ा है। यहां नए भवन का काम आगे बढ़ाने के लिए विभाग के वरिष्ठ कार्यालय को पत्र भेज रहे हैं।
50-50 सीटर छात्रावास में 30-30 बच्चे
ब्लॉक के तीन छात्रावासों में पिछले वर्ष के 30 – 30 बच्चे तीनों छात्रावासों में दर्ज हैं। यह छात्रावास 50 – 50 सीटर हैं। इस बार कितने छात्रों को भवन में कमरों की उपलब्धता के हिसाब से रखा जाना है, कब से एडमिशन के लिए आवेदन लिए जाएंगे। इसकी जानकारी छात्रवासों में अब तक नहीं आई है।
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