कमलनाथ ने पूछा केंद्र में बीजेपी की सरकार है फिर ये लड़ाई क्यों कमज़ोर पड़ गयी.
पूर्व सीएम कमलनाथ (kamalnath) ने कहा- केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार के दौरान ही 5 मार्च 2018 को जीआई रजिस्ट्री ने मध्यप्रदेश को बासमती उत्पादक राज्य मानने से इनकार कर दिया. प्रदेश के हित की लड़ाई में अपनी सरकार के दौरान 10 साल तक पिछड़ने वाली बीजेपी (bjp) आज हमारी 15 माह की सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है. यह हास्यास्पद है
कमलनाथ ने कहा मध्य प्रदेश के बासमती को जीआई टैग मिलना चाहिए. उन्होंने कहा वो प्रदेश के किसानों के साथ खड़े हैं और उनके हितों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. इसमें कोई सोचने वाली बात ही नहीं है. बासमती चावल को जीआई टैग मिले इसकी शुरुआत एपी ने नवंबर 2008 में की थी. उसके बाद 10 साल तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही जिसने इस लड़ाई को ठीक ढंग से नहीं लड़ा. इस वजह से हम इस मामले में पिछड़ गए. केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार के दौरान ही 5 मार्च 2018 को जीआई रजिस्ट्री ने मध्यप्रदेश को बासमती उत्पादक राज्य मानने से इनकार कर दिया. प्रदेश के हित की लड़ाई में अपनी सरकार के दौरान 10 साल तक पिछड़ने वाली बीजेपी आज हमारी 15 माह की सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है. यह हास्यास्पद है.
बीजेपी दे जवाब
कमलनाथ ने कहा-हमारी सरकार ने 15 महीने इस लड़ाई को दमदारी से लड़ा और अगस्त 2019 में इस मामले में हमारी सरकार के समय हुई सुनवाई में हमने मजबूती से शासन का पक्ष रखा. पंजाब के मुख्यमंत्री वहां के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं. प्रदेश के किसानों के साथ मैं खड़ा हूं और उनकी लड़ाई लड़ता रहूंगा. इसमें कांग्रेस बीजेपी वाली कुछ बात नहीं होना चाहिए. केंद्र में तो वर्तमान में भाजपा की सरकार है फिर वो राज्य की अनदेखी क्यों रही है, इसका जवाब भी आना चाहिए.
गुमराह है सरकार
बीजेपी के आरोपों का कांग्रेस ने सिलसिले वार जवाब दिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने गुप्ता ने कहा सरकार के बासमती जीआई टैग का विरोध चेन्नई में स्थित एपिडा कर रहा है जो केन्द्र सरकार का संगठन है. उस पर सवाल उठाने से सरकार क्यों डर रही है? बासमती का जी आई का मुकदमा हाई कोर्ट चेन्नई में हारने के बाद पंजाब पर आरोप लगाकर न्यायालयीन मामले को राजनैतिक बनाने की कुटिलता बीजेपी क्यों कर रही है ? बासमती चावल पर हिमालय के प्लेन्स के हरियाणा,पंजाब,हिमांचल प्रदेश,उत्तराखंड ,उत्तरप्रदेश एवं जम्मू एवं कश्मीर को जी आई टेग मिला हुआ है. साथ ही पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों को भी ये टैग हासिल है. जिस तरह से यह लड़ाई मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लड़ रही है उससे अंतर्राष्ट्रीय राइस एक्सपोर्टर सिंडिकेट को मदद पहुंच रही है. प्रदेश के लगभग एक लाख किसानों को मध्य प्रदेश के बासमती के नाम पर जी आई लेने से लाभ पहुंच सकता है. इससे प्रदेश के किसानों को 400 करोड़ रुपये की आमदनी प्रतिवर्ष होगी. सरकार के अंदर बैठे कुछ अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं.