Online education| Tell children stories at bedtime, this will increase their ability to listen carefully | ऑनलाइन क्लास से ऊब गए हैं बच्चे तो सोते वक्त कहानियां सुनाएं, इससे उनकी ध्यान से सुनने की क्षमता बढ़ेगी

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29 मिनट पहले

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  • ऑनलाइन क्लास से बच्चे ऊबे, वे अब ऑडियो बंद कर शरारतें करने लगते हैं

क्लासरूम अब मोबाइल स्क्रीन पर सिमट गए हैं, जिससे अब बच्चे ऊबे चुके हैं। बच्चे टीचर्स की बात नहीं सुनते, वे कभी क्लास का ऑडियो बंद कर शरारती करने लगते हैं या कई बार कुर्सी छोड़ कर चले जाते हैं। पेरेंट्स भी बच्चों की बात अब सुन नहीं रहे। पहले बच्चा स्कूल से आता था तो पेरेंट्स पूछते थे, दिन कैसा रहा इस तरह वे आप को ध्यान से सुन पाते थे। लेकिन अब घर से यह कल्चर खत्म हो गया है।

दिन भर घर में रहने की वजह से अब पेरेंट्स ने बच्चों को सुनने का समय देना बंद कर दिया है, जो कि सही नहीं है। एनसीईआरटी के किशोर मंच में ‘डेवलपिंग आर्ट ऑफ लिसनिंग’ विषय पर काउंसलर मीनाक्षी त्रिपाठी और आरआईई भोपाल की विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मि शर्मा ने यह बातें कही।

एटीट्यूड, अटेंशन और एडजस्टमेंट पर गौर करें

मीनाक्षी त्रिपाठी ने बताया कि कई बार हमें एहसास ही नहीं होता कि अब हमारी सुनने की क्षमता कम होती जा रही है। इसको समझने का अच्छा तरीका यह है, जब भी आप से कोई बात करें तो अपनी तीन बातों एटीट्यूड, अटेंशन और एडजस्टमेंट पर गौर करें। देखें कि जब आपसे कोई कुछ कहता है तो आपको सुनने का मन होता है या नहीं।यह नोटिस करें कि किसी की बात सुनते- सुनते कहीं आपका ध्यान छोटी- छोटी चीजों के कारण भटक तो नहीं जाता। एडजस्टमेंट को जांच करने का तरीका यह है कि जो बात कही जा रही है, क्या आप उसके साथ प्रवाह में है। मन से उससे जुड़े सवाल नहीं आ रहे हैं, तो आप वक्ता के साथ एक एकलय नहीं है।

ऑनलाइन क्लास के कायदे

ऑनलाइन क्लास अटेंड करते वक्त बच्चे भाषा का ध्यान रखें। ऐसी बात ऑनलाइन क्लास में ना कहे जिससे आप टीचर के सामने फेस टू फेस होने पर कहने से डरेंगे या हिचकिचाएंगे। टीचर से कुछ चैट बॉक्स में पूछ रहे हैं तो वाक्य को भेजने से पहले एक बार बोल कर पढ़ ले। ऐसा तो नहीं कि भाषा रूखी ही और गुस्से में लिखी महसूस हो। कुछ लिखकर कम्युनिकेट कर रहे हैं तो ग्रामर का पूरा ध्यान रखें और शॉर्टकट ना लिखें।

ऐसे बने अच्छे श्रोता

  • स्पीकर की आंख से आंख मिलाकर बात सुने
  • जो कहा जा रहा है उस पर प्रतिक्रिया में से हिलाते रहे
  • स्पीकर ने जो कहा वह समझ में आ गया या नहीं आया
  • डिस्ट्रेक करने वाली चीजों को दूर रखें
  • जो स्पीकर ने कहा उसको रिपीट करते हुए सवाल करें

यह कर सकते हैं पेरेंट्स

  • बच्चों को ध्यान से सुने
  • बच्चों का स्क्रीन टाइम तय करें
  • शेड्यूल्ड ऐसा हो कि वह अच्छी नींद ले सके
  • बच्चों को रात में कहानियां सुनाना शुरू करें
  • 2 से 3 मिनट मेडिटेशन भी करवाएं

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