जबलपुर17 मिनट पहले
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- गांधीग्राम में स्थित है खदान, भोपाल भेजा गया प्रस्ताव, सभी ने किया है आईबीएम के नियम-कायदों का उल्लंघन
जिले के माइनिंग विभाग ने गांधीग्राम स्थित एसजीएमएम ओर्स प्राइवेट लिमिटेड की खदान को निरस्त करने का प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेज दिया है। माइनिंग विभाग के मुताबिक 7.5 हेक्टेयर की इस खदान के साथ लगे आयरन ओर बेनीफिकेशन प्लांट के लिए अवैध रूप से आयरन ओर खरीदा जा रहा था। ऐसा आकलन है कि इस प्लांट के लिए करीब पौने दो लाख टन अवैध आयरन ओर आसपास से खरीदा गया है, जिससे माइनिंग की शर्तों का उल्लंघन हुआ है। ये आयरन ओर गांधीग्राम के आसपास के क्षेत्र चिन्नौटा, महगवाँ और सिहोरा से अवैध रूप से खरीदा गया है।
स्टॉक के ग्रेड में फर्क
इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स ने पिछले कुछ सालों में माइनिंग नियम-कायदों का उल्लंघन करने वाली खदानों की जाँच-पड़ताल की है। इसमें प्रदेश की कुल 450 खदानों को लिया गया था, जिसमें से 16 जबलपुर जिले की हैं। गांधीग्राम स्थित एसजीएमएम ओर्स प्राइवेट लिमिटेड, जो कि राजीव चड्ढा के स्वामित्व वाली कंपनी है, जाँच के दौरान पाया गया कि जो माल वहाँ स्टॉक है, उसकी और कंपनी की अधिकृत खदान के आयरन ओर के ग्रेड में काफी अंतर है।
खदान बंद, प्लांट चालू
जाँच में यह भी पता चला कि श्री चड्ढा की खदान से काफी समय से माल नहीं निकाला जा रहा है और वहाँ न तो बेंच बनाए गए हैं और न ही खदान में भरे पानी के संबंध में गाइडलाइन का पालन किया गया है। ऐसे में उनका बेनीफिकेशन प्लांट किस तरह से चल रहा है? जो माल वो खरीद रहे थे, उसके बिल आदि कहां थे? ऐसे प्रश्नों का संतोषजनक जवाब न मिलने पर माइनिंग विभाग ने नोटिस जारी कर दिया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक श्री चड्ढा की ओर से जो जवाब आए, उसे आईबीएम ने नहीं माना और पाया कि माइनिंग प्लान और नियम-कायदों का घोर उल्लंघन हुआ है।
16 खदानों को नोटिस
माइनिंग विभाग ने इसके बाद प्रस्ताव बनाकर भोपाल स्थित डायरेक्ट्रेट को भेजा, जिसमें नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए खदान को निरस्त करने की अनुशंसा की गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिले में ऐसी 16 खदानें पाईं गईं हैं, जिन्होंने आईबीएम की गाइडलाइन का उल्लघंन किया है और सभी को इस संदर्भ में नोटिस भेज दिया गया है। पी-4
खदान निरस्त करने का प्रस्ताव
हमने जाँच में पाया कि राजीव चड्ढा ने खदान संबंधी हर नियम का उल्लंघन किया है। ऐसी हालत में उनकी खदान को चालू रखने का िनर्णय नहीं लिया जा सकता। उनके जवाब भी संतोषप्रद नहीं हैं, इसलिए खदान निरस्त करने का प्रस्ताव भोपाल भेज दिया है।
एसएस बघेल, जिला माइनिंग अधिकारी, जबलपुर
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