पुलिस मुख्यालय की गाइड लाइन के अनुसार थानों को बैरिकेड लगाकर सील कर दिया गया है
Coronavirus Impact: थानों (police station) में टॉक बैक सिस्टम के जरिए ही अब आम लोगों की शिकायतें सुनी जा रही हैं. उसी के आधार पर FIR दर्ज की जा रही है.
एमपी पुलिस थानों में अब शिकायत लेकर आने वाले फरियादी को सीधे थाने में एंट्री नहीं दी जा रही है. इसके लिए पुलिस ने थानों में एक विंडो सिस्टम शुरू किया है. इसी विंडो के जरिए लोगों की शिकायतें सुनी जा रही हैं. उनकी FIR दर्ज कर तमाम कागज़ी कार्रवाई की जाती है. फरियादी के थाने के अंदर जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है. थाने में बैरिकेड लगा दिया गया है. सिर्फ पुलिसकर्मी ही थाने के अंदर जाते हैं.
थाने में ऐसे मिलेगी मदद
अब आपको यदि किसी मामले की शिकायत दर्ज कराना है तो थाने के अंदर जाने की जरूरत नहीं है. थाने के बाहर एक विंडो सिस्टम लगाया गया है. इस विंडो सिस्टम में टॉक बैक पर अपनी बात कह सकते हैं. आपकी शिकायत थाने के अंदर बैठे स्टाफ तक पहुंच जाएगी. स्टाफ वो शिकायत सुनेगा और मामला गंभीर होने पर FIR भी दर्ज करेगा. अगर आपको किसी खास पुलिसकर्मी या थाना प्रभारी से मिलना है तो वह सभी उसी विंडो पर आपसे बातचीत करेंगे. बाहरी लोगों के थाने के अंदर जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है. यह सब कोरोना से बचने के लिए किया जा रहा है, ताकि बाहरी लोगों के ज़रिए थाने में कोरोना का वायरस न पहुंच पाए. पुलिस विभाग में कोरोना की चेन बनने के बाद से इस पर विचार किया जा रहा था कि बाहरी लोगों से कैसे बचाव किया जाए.क्या है गाइडलाइन?
पुलिस मुख्यालय की गाइडलाइन के अनुसार, थानों को बैरिकेड लगाकर सील कर दिया गया है. थाने के अंदर सिर्फ ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के आने जाने की परमिशन रहती है. थाने के बाहर सेनिटाइजर रखा गया है. इसके अलावा हर रोज थाने को पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाता है. थाने में बिना मास्क के घूमना अलाउड नहीं है. अगर थाने में कोई बिना मास्क के दिखायी दिया तो उस पर कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान भी है. थाना प्रभारी के केबिन के साथ पूरे थाने में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनके ज़रिए थाने की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है.
कोर्ट में पेशी से पहले कोरोना टेस्ट
जिन आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने लाया जा रहा है, उन्हें कोर्ट में पेश करने से पहले कोरोना टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया जाता है. उनकी गिरफ्तारी तक उन्हें थाने के स्पेशल बैरक में रखा जाता है. यह बैरक पूरी तरीके से सैनिटाइज होते हैं. 24 घंटे में रिपोर्ट आती है. अगर रिपोर्ट निगेटिव रही तो आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाता है. कोर्ट में आरोपी की रिपोर्ट भी दिखाना पड़ती है, क्योंकि आदेश है कि आरोपी को जेल में दाखिल करने से पहले उसकी कोरोना जांच करायी जाए.