भोपाल एम्स ने 102 नर्सिंग स्टाफ को नौकरी से हटाया, पीड़ितों ने PM मोदी से की फरियाद | bhopal – News in Hindi

भोपाल एम्स ने 102 नर्सिंग स्टाफ को नौकरी से हटाया, पीड़ितों ने PM मोदी से की फरियाद | bhopal – News in Hindi


आउटसोर्सिंग नर्सिंग कर्मचारियों ने एम्स, भोपाल की कार्रवाई के विरुद्ध सोशल मीडिया पर विरोध कैंपेन भी चलाया है

आउटसोर्सिंग नर्सिंग कर्मचारियों (Nursing Staff) ने प्रदेश के सांसदों से भी इस मामले में दखल देने की अपील की है. उन्होंने एम्स, भोपाल (AIIMS, Bhopal) की इस कार्रवाई के विरुद्ध सोशल मीडिया (Social Media) पर विरोध कैंपेन भी चलाया है

भोपाल. कोरोना काल (Corona Virus) में नौकरियों से हटाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस कड़ी में अब एम्स, भोपाल (AIIMS Bhopal) ने 102 नर्सों को नौकरी से हटाने (Job Cuts) का आदेश जारी किया है. अस्पताल के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ नर्सों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही उन्होंने प्रदेश के सांसदों से भी मामले में दखल देने की अपील की है. आउटसोर्सिंग नर्सिंग कर्मचारियों (Nursing Staff) ने एम्स की कार्रवाई के विरुद्ध सोशल मीडिया (Social Media) पर विरोध कैंपेन भी चलाया है.

दरअसल एम्स, भोपाल में लंबे समय से काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ को अचानक अस्पताल मैनेजमेंट ने टर्मिनेशन लेटर पकड़ा दिया है. इसके लिए एम्स मैनेजमेंट ने एक निजी सिक्युरिटी कंपनी को निर्देश दिया है. इसके बाद कंपनी ने वर्ष 2013 से लेकर 2018 तक जॉइनिंग वाले नर्सिंग ऑफिसर्स को 23 अगस्त के बाद सेवाएं समाप्त करने के संबंध में नोटिस जारी किया है. एम्स प्रबंधन द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले से नर्सिंग स्टाफ आक्रोशित है. नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि सरकार जहां उन्हें कोरोना वॉरियर्स कह कर सम्मानित करती है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें अचानक इस तरह नौकरी से हटाया जा रहा है.

सिक्योरिटी कंपनी ने सभी नर्सिंग स्टाफ को नोटिस भेजा है कि एम्स में रेगुलर कर्मचारियों की नियुक्ति हो गई है जो काफी वक्त से रूकी हुई थी. इसलिए उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है. कंपनी ने पत्र में नर्सिंग ऑफिसर्स को यह भी कहा कि नौकरी से निकाले जाने के संबंध में किसी भी प्रकार के सवाल-जवाब भोपाल एम्स प्रबंधन से ना किए जाएं.

कर्मचारी माफी मांगे तो एक्सटेंशन पर करेंगे विचारएम्स की ओर से इस मामले में जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 200 स्थाई नर्सिंग कर्मचारियों की जॉइनिंग के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं लेना संभव नहीं था. कंपनी ने एक महीने का नोटिस देकर नियमों के अनुसार कार्रवाई की है. फिर भी यदि आउटसोर्स नर्सिंग कर्मचारी लिखकर माफीनामा दें तो कोरोना के मद्देनजर उनकी सेवाएं लेने पर विचार किया जा सकता है. इधर कर्मचारियों का कहना है कि हमारी कोई गलती नहीं तो किस बात की माफी मांगें. उन्होंने कहा कि पिछली बार आउटसोर्स कर्मचारियों के माफीनामा का एम्स, भोपाल प्रबंधन ने दुरूपयोग किया था. हम काम करते हुए अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे.

कर्मचारियों का तर्क है कि दिल्ली स्थित एम्स ने इसी साल 31 मार्च को एक मेमोरेंडम जारी किया था जिसमें यह बात साफ लिखी है कि आउटसोर्स कांट्रेक्चुअल और रिसर्च प्रोजेक्ट से जुड़े किसी भी कर्मचारी या अधिकारियों को कोरोना काल के दौरान सभी प्रकार की मेडिकल फैसिलिटी दी जाएगी और उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. क्योंकि कोरोना काल सभी के लिए संकट का समय है इसलिए कर्मचारियों का कहना है की यह फरमान पीएम मोदी और एम्स प्रबंधन के विरोधी है इसलिए वो अपने हक की लड़ाई जरूर लड़ेंगे.





Source link