मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने लिए स्पेशल मास्क बनवाया है.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने बनवाया स्पेशल मास्क. भोपाल में COVID-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच मंत्री के मुस्कुराते चेहरे और मूंछों वाले मास्क की कांग्रेस (Congress) ने की निंदा.
दरअसल, नरोत्तम मिश्रा ने सभी को आज अपने नए अंदाज से पहने अनोखे मास्क (Mask) से चौंका दिया. मंत्री मिश्रा ने अपने ही चेहरे की तस्वीर वाला मास्क बनवाया है. इसमें उनका मुस्कुराहट भरा चेहरा दिखता है. आज इस मास्क को पहन कर मंत्री जब लोगों के सामने आए तो कोरोना का टेंशन भूल सबके चेहरे पर मुस्कुराहट छा गई. आपको बता दें कि प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने नरोत्तम मिश्रा के मास्क न पहनने को लेकर टिप्पणी की थी. कांग्रेस ने मंत्री को मास्क पहनाने वाले को 11 हजार रुपए का नकद इनाम देने का ऐलान कर दिया था. हालांकि बाद में मंत्री मिश्रा ने मास्क लगाना शुरू कर दिया.
स्पेशल मास्क पर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस की आपत्ति के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मास्क लगाना शुरू कर दिया. हालांकि कांग्रेस के आरोप पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि वे अपने साथ ट्रिपल-लेयर गमछा रखते हैं और कोरोना प्रोटोकॉल का हमेशा पालन करते हैं. लेकिन आलोचनाओं के बाद उन्होंने अपने लिए स्पेशल मास्क तैयार कराया है. इस मास्क पर उनका मुस्कुराता चेहरा नजर आता है.प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मंत्री के इस स्पेशल मास्क को लेकर भी हमला किया है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनोखे मास्क पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने प्रतिक्रिया दी और ऐसे व्यवहार की निंदा की है. यादव ने कहा कि मंत्री पहले मास्क पहनने से बचते रहे और अब पहना भी तो यह मास्क के नाम पर मजाक है. उन्होंने कहा कि देशभर में कोरोना वायरस की वजह से जहां 40000 लोगों की मौत हो गई है, ऐसे समय में इस तरह की अगंभीर बर्ताव निंदनीय है. इससे समाज में गलत संदेश जाता है.
भोपाल में कोरोना का कहर
आपको बता दें कि भोपाल में कोरोना संक्रमण थम नहीं रहा है. सोमवार 117 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. शहर में पहली बार 2 घरों से बड़ी संख्या में पॉजिटिव मरीज मिले हैं. बागसेवनिया थाने में स्थित एक बस्ती में दो मकानों में एक साथ 13 लोग संक्रमित पाए गए हैं. एक घर में 8 तो दूसरे से 5 लोग पॉजिटिव मिले हैं. इसके बाद कोलार एसडीएम को बस्ती को सील कर रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने और जिन मकानों में अधिक संख्या में लोग रह रहे हैं, उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भेजने को कहा गया है.