18 days after the positive report, the team arrived to collect family samples | पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 18 दिन बाद परिजन के सैंपल लेने पहुंची टीम

18 days after the positive report, the team arrived to collect family samples | पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 18 दिन बाद परिजन के सैंपल लेने पहुंची टीम


सागर4 मिनट पहले

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  • मरीज की काॅन्टेक्ट हिस्ट्री भी सही तरीके से पता नहीं कर रहे

क्वारेंटाइन सेंटर, रैपिड रिस्पांस टीम और सैंपल मोबाइल यूनिट की मॉनीटरिंग को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। न तो पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री ट्रैस की जा रही है और न ही क्वारेंटाइन सेंटरों में सैंपलिंग को लेकर कोई नियम है। मरीज स्वस्थ्य होने के बाद तक आरआरटी उसके संपर्क में आए लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचाना तो दूर सूची तक तैयार नहीं कर पाती। वहीं जो लोग इन सेंटरों तक पहुंचते हैं, उन्हें 14वें दिन तक सैंपलिंग का इंतजार करना पड़ता है। भास्कर ने क्वारेंटाइन सेंटरों में आइसोलेट और पॉजिटिव मरीजों से बात की तो अव्यवस्थाओं की सारी हकीकत सामने आ गई।
मरीज के डिस्चार्ज होने के 7 दिन बाद सैंपल लेने पहुंची टीम

केस -1 तिली वार्ड निवासी 38 वर्षीय व्यक्ति 21 जुलाई को पॉजिटिव मिले थे। 31 जुलाई को मरीज स्वस्थ्य होकर घर पहुंच गया लेकिन घर में मौजूद लोगों की सैंपलिंग के लिए 18 दिन बाद टीम पहुंची।

केस- 2 बड़ा बाजार के युवक 19 जुलाई को पॉजिटिव मिले। घर को कंटेनमेंट कर दिया। मरीज डिस्चार्ज होकर घर पहुंच गया लेकिन परिजन की सैंपलिंग अब तक नहीं की गई। अब कंटेनमेंट खोलने की तैयारी है।
केस -3 बीएमसी में कार्यरत कर्मचारी 12 जुलाई को पॉजिटिव मिले थे। पत्नी को क्वारेंटाइन सेंटर भेजा। यहां वे 18 दिन क्वारेंटाइन रहीं। सैंपलिंग नहीं की। शिकायत के बाद सैंपल लिए। रिपोर्ट निगेटिव आने पर 20वें दिन छुट्‌टी दी।

केस-4 मोतीनगर वार्ड के 50 साल के व्यक्ति ने बताया पड़ोस में रहने वाला 29 जुलाई को पॉजिटिव मिला। पड़ोसियों को भी क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया। कुछ को पैसे लेकर छोड़ दिया। जबकि हमें डिस्चार्ज नहीं कर रहे।
होम क्वारेंटाइन की गाइडलाइन जारी, लेकिन पालन नहीं

क्वारेंटाइन सेंटरों में बिना लक्षण वाले मरीज भी भेजे जा रहे हैं, जबकि 29 जुलाई को शासन द्वारा होम क्वारेंटाइन के आदेश जारी हो चुके हैं। गाइडलाइन तय हैं लेकिन प्रशासन इस व्यवस्था को शुरू करने पर ध्यान नहीं दे रहा। जबकि केवल लक्षण वाले मरीज ही भर्ती किए जाने चाहिए।

जिला अस्पताल के आइसोलेशन सेंटर पर ताला

एक तरफ जहां क्वारेंटाइन सेंटर में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है, बीएमसी के सारी वार्ड में पलंग का टोटा है। वहीं जिला अस्पताल के डीईआईसी केंद्र में खुले आइसोलेशन सेंटर पर ताला जड़ दिया है। जबकि सरकार के कागाजों पर ये ही चल रहा है।

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