ये काम पूरा होने में 8 साल लग सकते हैं.
उज्जैन (Ujjain) के एक व्यापारी और मुंबई (Mumbai) के हीरा कारोबारी ने महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के शिखर और गर्भगृह को सोने (Gold) से मढ़ने का बीड़ा उठाया है. इस काम को पूरा होने में लग सकते हैं 8 साल.
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर भी अब स्वर्ण मंदिर की तरह दमकेगा. इसके शिखर और गर्भग्रह पर सोना मढ़ा जा रहा है. मंदिर के मुख्य पुजारी रमन त्रिवेदी के मुताबिक उज्जैन के व्यापारी और मुंबई के एक हीरा व्यापारी ने महाकाल मंदिर के शिखर और गर्भगृह को सोने से मढ़ने का बीड़ा उठाया है. मुंबई के व्यापारी ने इससे पहले भी सोमनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर में इसी तरह से सोने का दान किया था. अब व्यापारी की मंशा है कि उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर भी स्वर्ण जड़ित हो जाए. इसके लिए रूपरेखा बना ली गई है.
एस्टीमेट तैयार
मंदिर में कारीगरों को भेजकर एस्टीमेट भी तैयार करा लिया गया है. इसमें बताया गया है कि इस पूरे काम में करीब 250 किलो सोना लग सकता है. इसमें से 200 किलो शिखर पर और 50 किलो गर्भगृह में लगाया जाएगा. उज्जैन के स्वर्ण शिखर आरोहण संकल्प समिति ने व्यापारियों से बात करने के बाद अब महाकाल मंदिर समिति को यह प्रस्ताव जल्दी भेजने की बात कही है. उसके बाद उज्जैन कलेक्टर की ओर से अंतिम मुहर लगते ही शिखरों पर सोना लगाने का काम शुरू हो जाएगा.
2028 का लक्ष्य
महाकाल मंदिर का शिखर और गर्भगृह को सोने से मढ़ने का काम शुरू होगा, जिसे पूरा होने में 8 साल लग सकते हैं. 2028 से पहले महाकाल मंदिर का शिखर और गर्भ ग्रह करीब 250 किलो सोने से मढ़ा जाएगा. हालांकि इससे पहले भी महाकाल मंदिर के शिखर पर 110 शिखर को स्वर्ण जड़ित किया गया था जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी शिखर के लिए सोना दान किया था.