पत्नी अधिकांश समय मायके में बिता रही है. ऐसे में पति ने थाने में गुहार लगाई है.
स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में तैनाती की वजह से पत्नी अपने पति को बेटे से नहीं मिलने दे रही है. ऐसे में मामला महिला थाने में पहुंच गया है.
महिला ने यह भी बताया कि बेटे को संक्रमण न हो इसके लिए वे मायके में रहने लगी है, लेकिन इसके बावजूद पति बेटे से मिलने की जिद कर रहे हैं. जबकि मैंने सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाया है.लेकिन पति ने बेटे से मिलने की जिद पर अड़े हुए हैं. उधर, पत्नी के रवैया से परेशान पति ने भी बेटे से मिलने की जिद पकड़ ली है. उन्होंने भी महिला थाने में गुहार लगाई है. काउंसलिंग के दौरान उन्होंने काउंसलर को बताया कि स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले लोगों को संक्रमण का खतरा जरूर रहता है लेकिन सभी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं. सभी को अपनी जान प्यारी है. इस समय ड्यूटी करना भी जरूरी है. उन्होंने यह भी बताया कि ऐसा नहीं है कि उन्हें बेटे की चिंता नहीं है. वह पूरे सुरक्षा और गाइडलाइन का पालन करते हुए बेटे से मिलते हैं. उसके साथ समय गुजरते है.
वह अधिकांश समय मायके में बिता रही है
लेकिन बेटे की मां ऐसा नहीं चाहती है. वह अधिकांश समय मायके में बिता रही है. ऐसे में घर में सूनापन लगता है और बेटे की याद आती है. मुझे मेरे बेटे से मिलने से क्यों रोका जा रहा है. काउंसलर ने दोनों पक्षों की दलील को सुना और यह तय किया कि सुरक्षा के सभी मापदंडों का पालन करते हुए पिता को बेटे से मिलने से नहीं रोका जाएगा. उन्होंने बेटे से मिलने की मंजूरी दी है. काउंसलिंग के बाद दंपत्ति को समझाइश देकर भेजा गया. महिला थाना प्रभारी अजीता नायर ने बताया कि काउंसलिंग के जरिए कोशिश रहती है कि सभी मामले सुलझ जाए. जब शिकायतें आती हैं तो उन्हें काउंसलिंग के लिए एक बार भेजा जाता है. काउंसलिंग के दौरान पति- पत्नी अपनी बातों को लेकर मान जाते हैं और उन में सुलह हो जाती है.