कमलनाथ हनुमान भक्त हैं. छिंदवाड़ा में उन्होंने हनुमान की विशाल प्रतिमा लगवायी है. (फाइल फोटो)
सॉफ्ट हिंदुत्व (soft hindutva) कार्ड को लेकर पार्टी के अंदर भी आवाज़ उठने लगी है.सांसद टीएन प्रतापन ने सोनिया गांधी (sonia gandhi) को पत्र लिखा था और कहा था कि कांग्रेस अति धार्मिक राष्ट्रवाद के पीछे नहीं भाग सकती है.
राम मंदिर भूमि पूजन के बाद राम मय हुए प्रदेश में अब कृष्ण लीला की बारी है. जन्माष्टमी का मौका है. कोरोना के कारण इस बार मंदिरों में भीड़ या सार्वजनिक कार्यक्रम तो दिखाई-सुनाई नहीं देंगे, लेकिन नेताओं के घर झांकी और भजन गूंजते सुनाई देंगे. पूर्व सीएम कमलनाथ के सरकारी निवास पर जन्माष्टमी मनायी जाएगी. इससे पहले राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन से एक दिन पहले कमलनाथ के घर राम दरबार सजा था और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. इसमें पार्टी के कई नेता भी शामिल हुए थे.
बीजेपी को नहीं भा रही भक्ति
बीजेपी को कांग्रेस की न राम भक्ति रास आ रही है न कृष्ण भक्ति. बीजेपी ने जन्माष्टमी पर होने वाले कृष्ण भक्ति के आयोजन पर सवाल उठाए हैं. पार्टी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कांग्रेस को यह बताना और जताना क्यों पड़ रहा है कि वह रामभक्त है या कृष्ण भक्त. कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली पार्टी रही है. लेकिन अब उपचुनाव के कारण हिंदुत्व कार्ड खेल रही है. लेकिन जनता सब जानती है.ये तो भक्ति है
कांग्रेस पार्टी 2018 के विधानसभा चुनाव के समय से सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी कमलनाथ ने महाकाल मंदिर में पूजा के बाद पार्टी का प्रचार अभियान शुरू कराया था. उसके बाद सरकार गिरने से पहले मिंटो हॉल में हनुमान चालीसा का पाठ ज़ोर-शोर से किया गया था. सत्ता में आने पर गौ शालाएं और राम वन गमन पथ बनाने की घोषणा की.कांग्रेस पार्टी धार्मिक त्योहारों के जरिए अपनी छवि को बदलने की कोशिश में है.
पार्टी की आवाज़
सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड को लेकर पार्टी के अंदर भी आवाज़ उठने लगी है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मंदिर निर्माण का खुलकर स्वागत किया था. इस पर पार्टी के सांसद टीएन प्रतापन ने आपत्ति जताते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और कहा था कि कांग्रेस अति धार्मिक राष्ट्रवाद के पीछे नहीं भाग सकती है.
लक्ष्मण सिंह का एतराज़
दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि राम भक्ति दिखाने और शुद्धिकरण से कुछ नहीं होगा. ऐसा करने से पार्टी अपना ही नुकसान करेगी. लेकिन इन तमाम आपत्तियों को खारिज करते हुए कमलनाथ ने तय किया है कि वो धार्मिक त्योहारों से खुद को अलग नहीं रखेंगे. हनुमान चालीसा के बाद कृष्ण भक्ति के जरिए आरोपों का जवाब देंगे.
बीजेपी के पेट में दर्द क्यों?
कमलनाथ के मीडिया को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कहा कांग्रेस के धार्मिक आयोजन से बीजेपी नेताओं के पेट में दर्द क्यों होता है. यह उन्हें बताना चाहिए. कांग्रेस सभी धर्मों में विश्वास करती है और सभी धर्म त्यौहार मनाए जाते हैं. इसके राजनीतिक अर्थ निकालना बेवजह समय बर्बाद करना है.