Honey Trap : बंद कमरे में सुनवाई की मांग, क्या 40 से ज्यादा रसूखदारों को बचाना चाहती है सरकार! | bhopal – News in Hindi

Honey Trap : बंद कमरे में सुनवाई की मांग, क्या 40 से ज्यादा रसूखदारों को बचाना चाहती है सरकार! | bhopal – News in Hindi


यदि इन नामों की जांच की गयी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.(Photo-pixabay)

एसआइटी (SIT) ने 5 दिन पहले बंद लिफाफे में 40 से ज़्यादा रसूखदारों के नामों की सूची सहित स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट (Court) को सौपीं है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को है.

भोपाल. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में भू-चाल लाने वाले बहुचर्चित हनी ट्रैप (honey trap) कांड की सुनवाई कोर्ट के बंद कमरे में कराने की मांग सरकारी पक्ष ने की है. उसने लिफाफे में बंद 40 से ज्यादा रसूखदारों के नाम भी सार्वजनिक नहीं करने की मांग की है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार 40 से ज्यादा रसूखदारों को बचाना चाहती है. हालांकि सरकार के अपने तर्क हैं.

हनीट्रैप में फंसे और आरोपी महिलाओं से कनेक्शन वाले रसूखदारों के नाम की जांच एसआईटी कर रही है. हाईकोर्ट से दिशा निर्देश मिलने के बाद एसआइटी ने जांच की. इस मामले में मध्य प्रदेश पुलिस पर रसूखदारों को बचाने का आरोप भी लगा था. इतना ही नहीं सीबीआई जांच की मांग भी उठी थी. हाल ही में इंदौर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मामले की जांच कर रही एसआइटी से स्टेटस रिपोर्ट के साथ जांच में सामने आए नामों की सूची मांगी थी. एसआइटी ने 5 दिन पहले बंद लिफाफे में 40 से ज़्यादा रसूखदारों के नामों की सूची सहित स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौपीं है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को है.

सरकार का पक्ष
कोर्ट में हनीट्रैप मामले में सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने पक्ष रखा था. कौरव का कहना था कि आरोपियों ने कई लोगों से बातचीत और मुलाकात की. ऐसे में बिल्कुल जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति का कनेक्शन अपराध से हो. इसलिए इन नामों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने इस मामले की सुनवाई भी बंद कमरे में करने की मांग की. कौरव की दलील पर कोर्ट ने सरकार की यह मांग स्वीकार कर ली है. हालांकि लिफाफे में बंद नामों की इस पूरे मामले में क्या भूमिका है, इस पर आगे किस तरीके की जांच की जाएगी, यह निर्देश हाईकोर्ट एसआईटी को देगा.

ये है पूरा मामला
हनी ट्रैप मामले की शुरुआत इंदौर से हुई थी. इंदौर नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने इस मामले की शिकायत पलासिया थाने में की थी. हनी ट्रैप में फंसाकर हरभजन को ब्लैकमेल किया जा रहा था. उससे तीन करोड़ की मांग की गई थी. पुलिस ने आरोपी महिलाओं को उनका साथ देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे नगदी और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ज़ब्त की थीं. इन डिवाइस में कई लोगों के अश्लील वीडियो थे. लिफाफे में बंद नामों में एक पूर्व मंत्री के नाम की भी चर्चा हो रही है. कई रिटायर्ड अधिकारी और मौजूदा आईएएस आईपीएस अफसरों के नाम भी सामने आ सकते हैं. बताया जा रहा है यदि इन नामों की जांच की गयी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. हालांकि यह हाई कोर्ट तय करेगा कि इन नामों को लेकर आगे किस तरह की कार्रवाई या फिर जांच की जाना है. इन नामों में प्रदेश के दो रिटायर्ड एडिशनल चीफ सेक्रेट्री सहित कई मौजूदा अफसर शामिल हैं.





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