ग्वालियर का ये मंदिर सिंधिया घराने ने बनवाया था
इस बार कोरोना (corona) के कारण भक्त इस मंदिर (mandir) में नहीं आ रहे हैं. उनके लिए नगर निगम ने फेसबुक पर लाइव दर्शन की व्यवस्था की है.
सिंधिया राजा ने बनवाया था मंदिर
सिंधिया राजवंश ने फूलबाग में गोपाल मंदिर का निर्माण कराया था. सन 1921 में सिंधिया रियासत के तत्कालीन महाराज माधवराव ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. भगवान राधा कृष्ण के लिए सिंधिया राजाओं ने गहने बनवाएं. आज़ादी के पहले तक इस मंदिर की देखरेख सिंधिया रियासत के लोग करते थे. आज़ादी के बाद सिंधिया राजवंश ने ये गहने भारत सरकार को सौंप दिए थे. नगर निगम ने इन गहनों को बैंक लॉकर में रखवा दिया.
2007 से शुरू हुई श्रृंगार की परंपरासाल 2007 में नगर निगम आयुक्त पवन शर्मा ने गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के दिन भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमाओं का इन गहनों से श्रृंगार कराने की परंपरा शुरू कराई. राधाकृष्ण 100 करोड़ से ज्यादा के गहने पहनते हैं लिहाजा यहां कड़ी सुरक्षा रहती है.
फेसबुक पर दर्शन
नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन ने राधाकृष्ण के श्रृंगार के बाद परम्परागत आरती की. इस दौरान निगम अधिकारी और मंदिर समिति के लोग मौजूद थे. इस बार कोरोना के कारण भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया है. निगम के फ़ेसबुक पेज पर लाइव दर्शन की व्यवस्था की गई है. हालांकि कुछ भक्त मंदिर पहुंचकर गोपाल मंदिर के शिखर दर्शन कर रहे हैं.
ये जेवरात पहनते हैं राधाकृष्ण
-हीरे-जवाहरात से जड़ा स्वर्ण मुकुट
– पन्ना और सोने का सात लड़ी का हार
– 249 शुद्ध मोती की माला
– हीरे जड़े कंगन
– हीरे और सोने की बांसुरी
– प्रतिमा का विशालकाय चांदी का छत्र
– 50 किलो चांदी के बर्तन
– भगवान श्रीकृष्ण और राधा के झुमके
– सोने की नथ
-कंठी, चूडियां, कड़े