राहत इंदौरी का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया.
उनको अपनी मौत का अहसास शायद पहले से ही हो गया था. अरबिंदो अस्पताल के डायरेक्टर विनोद भंडारी के मुताबिक वह लगातार कह रहे थे कि ‘मैं अब ठीक नहीं हो पाऊंगा’ डॉक्टरों की टीम उन्हें लगातार समझा रही थी…
- News18India
- Last Updated:
August 12, 2020, 12:54 AM IST
‘टूटा हुआ दिल तेरे हवाले मेरे अल्लाह,
इस घर को तबाही से बचा ले, मेरे अल्लाह…..
वो साथ, वो दिन रात, वो नग़मात, वो लम्हे, लौटा दे मुझे मेरे उजाले, मेरे अल्लाह…..
वहीं जब वो खुद कोरोना संक्रमित हुए तो दो दिन पहले ही उन्होंने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी. राहत इंदौरी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि राहत साहेब बार-बार यह रट लगा रहे थे कि अब वह ठीक नहीं हो पाएंगे. हालांकि देश के वर्तमान हालातों से उनकी मायूसी अक्सर उनके शेरों में झलक ही जाती थी. ईद पर उन्होंने कुछ इस तरह मुबारकबाद लिखी
‘मास्क पे लिखके हम मुबारकबाद,
ईद को यादगार कर जाते….
चल दिए कैसे अच्छे अच्छे लोग,
ज़िंदा होते तो हम भी मर जाते….
उनकी मौत ने उनको चाहने वालों को बेहद मायूस कर दिया. बहुत पहले राहत साहेब ने लिखा था, ‘ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था, मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था’ कोरोना की गिरफ्त में आने के बाद मंगलवार को उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया और वह अपने चाहने वालों को मायूस छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कह गए. उनको अपनी मौत का अहसास शायद पहले से ही हो गया था. वह इलाज के दौरान बार-बार कह रहे थे कि अब वह ठीक नहीं होंगे. अरबिंदो अस्पताल के डायरेक्टर विनोद भंडारी के मुताबिक वह लगातार कह रहे थे कि मैं अब ठीक नहीं हो पाऊंगा, डॉक्टरों की टीम उन्हें लगातार समझा रही थी लेकिन वो सोमवार से ही वो इस बात को बार-बार दोहरा रहे थे.
खुद दी थी बीमार होने की जानकारी
बता दें कि राहत इंदौरी ने 11 अगस्त को ट्वीट कर अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी देते हुए उन्होंने ट्वीट में लिखा था, ‘कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है. अरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी.’ कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए मंगलवार रात 9.30 बजे उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. लेकिन चाहने वालों के दिलों में राहत साहेब हमेशा अपने शेरों-शायरी, गजलों के साथ जिंदा रहेंगे.
सफ़र सफ़र तेरी यादों का नूर जाएगा
हमारे साथ में सूरज ज़रूर जाएगा…