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- GST Intelligence Raids At Two Cement Plants Of Pawan Ahluwalia Involved In Coal Scam, Tax Evasion Worth Rs 17 Crore Caught
सतना15 मिनट पहले
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सतना में जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने छापा मारकर केजेएस सीमेंट के एक डायरेक्टर कुशल सिंह सिंघवी (बीच में फेस शील्ड लगाए हुए) को गिरफ्तार कर लिया है।
- जीएसटी इंटेलीजेंस ने सतना-मैहर के प्लांट समेत तीन राज्यों के 28 ठिकानों पर छापे मारे
- मुख्य आरोपी पवन अहलुवालिया फरार, एक डायरेक्टर कुशल सिंह सिंघवी गिरफ्तार
सेंट्रल जीएसटी इंटेलीजेंस टीम (डीजीजीआई) ने कोयल घोटाले में शामिल रहे केजेएस सीमेंट कंपनी के मालिक पवन कुमार अहलुवालिया के प्रदेश में स्थित दो प्लांट समेत तीन राज्यों के 28 ठिकानों में छापे मारकर 17.2 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी है। विभाग ने कुल 52.39 लाख रुपए की नकदी भी जब्त की। इस सिलसिले में टीम ने कंपनी के एक डॉयरेक्टर कुशल सिंह सिंघवी को गिरफ्तार किया है, जबकि पवन अहलुवालिया फरार हैं।

सीमेंट कंपनी के डायरेक्टर पवन अहलुवालिया फरार हैं।
डीजी जीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केजेएस सीमेंट ने दो राज्यों में यह टैक्स चोरी की है। टीम ने मैहर, सतना के साथ इलाहाबाद, कुशीनगर, आगरा, कानपुर और दिल्ली में भी कार्रवाई की। जांच में यह पाया गया कि केजेएस सीमेंट ने जनवरी से जुलाई तक 4 लाख टन अतिरिक्त लाइम स्टोन का खनन किया। लाइम स्टोन से सीमेंट बनता है। लेकिन कंपनी ने हिसाब में इसका उल्लेख कहीं पर नहीं किया गया है। इससे सीमेंट और क्लिंकर बनाकर मप्र और उत्तर प्रदेश के डीलर्स को भेजा गया। इससे कुल 15.1 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की गई। कंपनी में 12 लाख सीमेंट बोरियां भी कम पाई गईं।

जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने सतना-मैहर समेत तीन राज्यों के 28 ठिकानों पर छापा मारा है।
2018 में 7.5 करोड़ का बेहिसाब लेन-देन
विभाग को आशंका है कि अतिरिक्त मात्रा में प्राप्त किए गए लाइम स्टोन को इन्हीं बोरियों में अवैध तरीके भरकर डीलर्स को भेजा गया था। इसके अतिरिक्त विभाग को 2018 में 7.5 करोड़ के बेहिसाब लेन-देन के प्रमाण भी मिले। इन लेनदेन में 2.1 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की गई। इसके साथ ही विभाग को 52.39 लाख रुपए की बेहिसाब नकदी भी बरामद की गई। इन छापों में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) भी शामिल रहा।
पवन के खिलाफ गैर जमानती वारंट
डीजीजीआई ने जीएसटी एक्ट की धारा 132(5) के तहत टैक्स चोरी 5 करोड़ रुपए से अधिक होने के कारण पवन अहलुवालिया समेत 2 संचालकों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। पवन इसकी जानकारी मिलने के बाद फरार है, जबकि दूसरे डॉयरेक्टर कुशल सिंह सिंघवी को गिरफ्तार कर लिया है। पवन अहलूवालिया को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 2017 में कोयला घोटाले में दोषी पाया गया था। उसे तीन साल की सजा और 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। उसकी कंपनी पर भी 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था।
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