One crore five lakh rupees had to be built, the road has not yet been shifted by electric poles | एक करोड़ पांच लाख रुपए से बननी थी सड़क अब तक बिजली के पोल ही शिफ्ट नहीं हुए

One crore five lakh rupees had to be built, the road has not yet been shifted by electric poles | एक करोड़ पांच लाख रुपए से बननी थी सड़क अब तक बिजली के पोल ही शिफ्ट नहीं हुए


भांडेर19 मिनट पहले

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  • सड़क निर्माण के लिए एसएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को छह महीने का समय दिया गया है

लहार रोड राजमाता चौराहे से पथनवाली माता मंदिर की ओर जाने वाली सिंगल रोड को थीम रोड की तर्ज पर टू लेन सड़क बनाने का काम बेहद स्लो गति से चल रहा है। अतिक्रमण व बिजली के पोल सिफ्ट न हो पाने की वजह से पिछले दस महीने से काम बंद था। हालांकि कांग्रेस शासन में प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई अतिक्रमण विरोधी मुहिम के दौरान अतिक्रमण तो हटा दिया गया, लेकिन अब तक बिजली के पोल सिफ्ट नहीं हो सके। जब तक बिजली के पोल सिफ्ट नहीं होंगे तब तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सकता। बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। बता दें कि लहार रोड से पथनवाली माता मंदिर की ओर जाने वाली सड़क की हालत खराब है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। जिससे सड़क पर आवागमन प्रभावित होता है। इसके अलावा सिंगल रोड होने व ट्रैफिक का दबाव अधिक होने से दिन में कई दफा जाम की स्थिति निर्मित होती थी। समस्या को देखते हुए कुछ समय पहले मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के तहत टू लेन सड़क प्रस्तावित की गई थी, जिसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। एक करोड़ पांच लाख रुपए की लागत से बनने वाली सड़क का टेंडर कराकर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया। जिससे ठेकेदार ने काम भी शुरू कर दिया। लेकिन इस बीच न तो सड़क के आसपास मौजूद अतिक्रमण हटाया गया और न ही बिजली के पोल सिफ्ट किए गए थे। जिससे ठेकेदार को काम रोकना पड़ा। करीब दस महीने तक काम बंद रहा। इस बीच शासन स्तर पर शुरू हुई अतिक्रमण हटाओ मुहिम में अतिक्रमण तो हटा दिया गया, लेकिन पोल अब तक सिफ्ट नहीं किए जा सके। जिससे अब सड़क का निर्माण बेहद स्लो गति से हो रहा है। जिससे लोगों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

6 महीने का समय, 10 महीने में सिर्फ अतिक्रमण हटा, बिजली कंपनी को शिकायत की

सड़क निर्माण के लिए एसएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को छह महीने का समय दिया गया है। आचार संहिता के पहले पिछले साल अप्रैल माह में काम भी शुरू हो गया था। उस वक्त अफसरों का तर्क था कि एक दो महीने में जब तक थोड़ा बहुत काम होगा, तब तक बिजली के पोल व अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इतने लंबे समय में नगर पंचायत सिर्फ अतिक्रमण ही हटा सकी, बिजली के पोल अब भी समस्या बने हुए हैं। जबकि इस संबंध में ठेकेदार द्वारा कई बार बिजली कंपनी को लिखित में शिकायत की जा चुकी है।

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