Patients are reluctant to undergo treatment in hospital due to fear of corona infection | कोरोना संक्रमण के भय से अस्पताल में उपचार कराने से कतरा रहे मरीज

Patients are reluctant to undergo treatment in hospital due to fear of corona infection | कोरोना संक्रमण के भय से अस्पताल में उपचार कराने से कतरा रहे मरीज


राजगढ़एक घंटा पहले

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नगर के सिविल अस्पताल में कोरोना संक्रमण के भय के कारण सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज उपचार के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। इन दिनों प्रायवेट क्लीनिक पर मरीजों की संख्या ज्यादा है। निजी डॉक्टर सभी प्रकार की बीमारियों का उपचार कर रहे हैं।
करीब पन्द्रह दिन पहले तक प्रतिदिन नगर में एक दो से चार व्यक्ति की कोरोना पाज़िटिव रिपोर्ट पाईं जाती थी। ब्लाक से प्रतिदिन 40 से 50 लोगों के सेम्पल जांच के लिए भेजें जाते थे। परंतु पिछले एक सप्ताह से यहां कोरोना पाज़िटिव निकलना बंद हो गए। सोमवार को ज़रुर एक बुजुर्ग की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इस का मुख्य कारण नगर से जांच के लिए सेम्पल की कमी बताई जा रहीं हैं वर्तमान में आधे से कम संख्या में सेम्पल जांच के लिए भेजें जा रहे हैं। अस्पताल में बनें फीवर केन्द्र पर मरीजों की कमी हुई है। जबकि बारिश के दिनों में मौसम परिवर्तन के साथ मौसमी बीमारियों के साथ सर्दी खांसी बुखार जैसे बीमारी के लक्षणों वाले लोगों की तादाद बडी संख्या में है।
43 लाेगाें की रिपाेर्ट अब तक पॉजिटिव निकली : नगर पिछले एक माह में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 850 लोगों के सेम्पल जांच के लिए भेजें गए हैं। जिसमें से अब तक 43 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली है। पिछले एक सप्ताह तक कोरोना पाज़िटिव मरीज मिलना बंद हो गए थे। सोमवार को वार्ड नंबर 12 मे एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। शासन के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ विभाग द्वारा सर्दी खांसी बुखार जैसे बीमारी के लिए अलग से फीवर केन्द्र खोला गया है। जहां ड्यूटी टीम ऐसे लक्षणों वाले लोगों का उपचार करते और यदि आवश्यकता के अनुरूप उनके कोविड 19 जांच के लिए सेम्पल जांच के लिए भेजें जाते हैं। फीवर केन्द्र पर इन दिनों मरीज नहीं आ रहे है।
निजी डाक्टरों के यहां लग रही भीड़ : कोरोना महामारी के चलते अप्रैल माह में जिला कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार सौरभ शर्मा ब्लाक मैडीकल आफिसर डाक्टर विवेक दूबे सहित प्रशासनिक अमले द्वारा शहर में अवैध रूप से संचालित क्लिनिकों पर छापामार कार्रवाई करते हुए क्लीनिक सील किए गए थे, परंतु चार दिन क्लिनिक बंद होने के बाद दोबारा प्रायवेट क्लिनिक खुल गए और डाक्टर इलाज भी करने लगें हैं।

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