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इंदौर30 मिनट पहले
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गुटखा कारोबारियों के 16 ठिकानों पर की गई कार्रवाई के दौरान मिले पान-मसाला को टीम ट्रक में भरकर ले गई थी।
- डागा और बोथरा ने माना था कि 320 करोड़ का अवैध पान मसाले का कारोबार किया, जिस पर 225 करोड़ की टैक्स चोरी की
- 9 से 12 जून के बीच मारे गए छापे के बाद से ही डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) को वाधवानी की तलाश थी
अरबों रुपए के सिगरेट, गुटखा टैक्स घोटाले के आरोपी अमित बोथरा, अशोक डागा की जमानत निरस्त कराए जाने के लिए डीजीजीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हाई कोर्ट द्वारा दिए गए जमानत आदेश को निरस्त करने के लिए सर्वोच्च अदालत में अपील की है। जल्द ही इस पर सुनवाई हो सकती है। हाई कोर्ट ने हाल ही में किशोर वाधवानी, नीतेश वाधवानी और विजय नायर को भी जमानत दी है। इस आदेश के खिलाफ भी डीजीजीआई सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।डीजीजीआई ने शीर्ष अदालत में दायर अर्जी में कहा है कि उनके बहुत से तथ्यों पर गौर नहीं किया गया है। लिहाजा जमानत निरस्त की जाना चाहिए। इस मामले में अभी जांच जारी है। चालान पेश किया जाना है।
30 जुलाई को बोथरा और डागा को 5-5 लाख के मुचलके पर जमानत मिली थी
अरबों रुपए के सिगरेट, गुटखा टैक्स घोटाले में शुरुआत में गिरफ्तार किए गए अमित बोथरा, अशोक डागा को हाई कोर्ट से 30 जुलाई को जमानत मिल गई थी। दोनों को पांच-पांच लाख रुपए के निजी मुचलके पर छोड़े जाने के आदेश जारी किए गए थे। कोर्ट ने फैसले में कहा कि दोनों को गिरफ्तार करने के बाद ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इनके द्वारा टैक्स घोटाला किए जाने के प्रमाण भी नहीं हैं।
गुटखा किंग किशोर वाधवानी के सहयोगी
डीजीजीआइ ने गुटखा किंग किशोर वाधवानी, उसके साथी अशोक डागा, संजय माटा, विजय कुमार नायर, अमित कुमार बोथरा के खिलाफ टैक्स चोरी का केस दर्ज किया है। इस पर आरोप है कि इन्हांेने षड्यंत्र रचा के तहत अवैध व्यापार करते हुए फर्जीवाड़े के जरिए शासन को मिलने वाले करीब 300 करोड़ रुपए के टैक्स में हेराफेरी की है। हालांकि जांच के बाद टैक्स चोरी की रकम 500 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। ये सभी करीब डेढ़ महीने से जेल में थे।
अवैध पान मसाला उत्पादन, सप्लाय चेन, वसूली का सरगना है वाधवानी : डीजीजीआई
अवैध पान मसाले के कारोबार, उत्पादन, सप्लाय चेन और वसूली इस पूरे सिंडिकेट का किंगपिन किशोर वाधवानी है। सिंडिकेट में शामिल एएए इंटरप्राइजेज का विजय नायर, वाधवानी का फ्रंट मैन है। यह बात डीजीजीआई ने हाईकोर्ट में विष्णु एसेंस के संचालक अशोक डागा और अमित बोथरा की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान कही थी। विभाग ने कोर्ट को बताया था कि इस सिंडिकेट में विष्णु एसेंस के बोथरा और डागा अहमदाबाद व अन्य शहरों से कच्चा माल व पैकिंग मटेरियल मंगवाकर अवैध पान मसाले का उत्पादन करते थे। इसकी सप्लाय वाधवानी के फ्रंट मैन विजय नायर की कंपनी एएए इंटरप्राइजेज को की जाती थी।
इन्होंने कोविड जैसी महामारी से उपजी परिस्थितियों का फायदा उठाकर लॉकडाउन में भी जमकर सप्लाय की। इस सिंडिकेट में वाधवानी के साथ पाकिस्तानी नागरिक संजय माटा, बोथरा, डागा, नायर भी शामिल हैं। विभाग ने कोर्ट को बताया कि 30 मई को छापे मारे गए, इसके बाद ट्रांसपोर्टर आशु रोड लाइंस भी इसमें शामिल मिला। इसके मोबाइल व ड्राइवरों की पूछताछ में पता चला कि अवैध कारोबार हो रहा है।
डागा और बोथरा ने 225 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी स्वीकारी थी
पूछताछ में डागा और बोथरा ने माना कि 320 करोड़ का अवैध पान मसाले का कारोबार किया, जिस पर 225 करोड़ की टैक्स चोरी की गई। उन्होंने कहा कि वह हर माह सात से आठ करोड़ का जीएसटी चुका कर कारोबार कर रहे हैं, कोविड परिस्थितियों के कारण कागज वर्क पूरा नहीं कर सके, वह जीएसटी भरने के लिए तैयार हैं और नियम के तहत दस फीसदी भरकर टैक्स डिमांड पर अपील कर सकते हैं। हमारा वाधवानी और माटा से किसी तरह का वास्ता नहीं है।
वाधवानी को भी मिल चुकी है जमानत
अरबों रुपए के सिगरेट, गुटखा टैक्स घोटाले के आरोपी किशोर वाधवानी को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से 14 अगस्त को 10 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत का लाभ मिल चुका है। हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि बाहर आने के बाद वाधवानी इस केस से जुड़े किसी भी गवाह को प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे। जांच एजेंसी जब भी पूछताछ के लिए बुलाएगी तो जाना होगा। पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा। बगैर अनुमति देश छोड़कर नहीं जाएंगे।
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