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- Rahat Sahab’s Poetry Is A Democratic Message; In Which He Says ‘The Blood Of All Is Included, There Is Little India Of One’s Father In The Soil Here’.
भोपाल4 घंटे पहले
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राहत इंदौरी का निधन 11 अगस्त को इंदौर में दिल का दौरा पड़ने से हो गया था, वह कोरोना संक्रमित भी हो गए थे।
- मंजुल पब्लिशिंग हाउस के इंस्टाग्राम पेज पर आयोजित कार्यक्रम ‘एक शाम राहत के नाम’
मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी की याद में मंजुल पब्लिशिंग हाउस की ओर से आयोजित विशेष कार्यक्रम ‘एक शाम राहत के नाम’ में रविवार को हिंदी के अग्रणी कवि डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि राहत साहब रहम के शायर थे। उनके इंतकाल से मुशायरे का मेरा आधा हिस्सा दुनिया से चला गया है। कार्यक्रम ‘एक शाम राहत के नाम’ में सत्र की सूत्रधार बनीं लेखिका केना श्री।
डॉ. विश्वास ने कहा, ‘राहत साहब से हमेशा छोटे भाई जैसा स्नेह मिला। हम दोनों के जुड़ाव की शुरुआत कई साल पहले एक मुशायरे में मंचीय नोकझोंक से हुई थी, लेकिन फिर प्रगाढ़ता ऐसे बढ़ी कि, हम रात्रि के किसी भी पहर में एक-दूसरे का फोन लगा देते थे। राहत साहब का मशहूर शेर ‘सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है….’ एक लोकतान्त्रिक पैगाम है।’
कार्यक्रम के पहले सत्र में कवयित्री वृंदा वैद ने कहा कि राहत साहब खुद से, लोगों से और वतन से बेपनाह मोहब्बत करते थे। वे कहा करते थे कि, वे उर्दू अदब का हिस्सा हैं और जबान का कोई मजहब नहीं होता। दूसरे सत्र ‘इश्क-मोहब्बत और राहत’ में लेखिका केना श्री ने और तीसरे सत्र ‘शायर की आवाज़ और देश की जबान’ में शिवम शर्मा राहत साहब के अंदाज-ए-बयां पर बात की।
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