अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दो दिन बाद ही जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अधिकारियों के साथ बैठक की.
तुलसी सिलावट (Tulsi Silawat) ने डिस्चार्ज होने के 2 दिन बाद ही इंदौर के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की बैठक ले ली. ऐसा करके उन्होंने न केवल कोरोना की गाइडलाइन तोड़ी बल्कि बैठक में अधिकारियों को बुलाकर उन्हें भी संकट में डाला.
- News18Hindi
- Last Updated:
August 16, 2020, 11:57 PM IST
सिंधिया के दौरे की जल्दबाजी में हैं मंत्री जी
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट पर निशाना साधते हुए कहा कि हर कोरोना संक्रमित आम व्यक्ति अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद इस नियम का पालन करता है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कोरोना संक्रमित दूसरे मंत्रिगण, विधायकों ने भी इस नियम का पालन किया है. लेकिन जल संसाधन मंत्री सिलावट ने उलटी धारा बहायी. उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि एक दिन बाद ही उनके नेता बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का इंदौर-उज्जैन का दौरा कार्यक्रम है. वे उनके साथ इस दौरे में रहना चाहते हैं. इसी की जल्दबाजी के चलते उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर दिया. हालांकि बीजेपी अपने मंत्री का बचाव करती नजर आ रही है. बीजेपी प्रवक्ता जेपी मूलचंदानी का कहना है कि मंत्री जी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मीटिंग ली है. इसमें कोरोना के प्रोटोकॉल का उल्लंघन कहां से हो गया?
मंत्री सिलावट को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए : कांग्रेसकांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि इसके पहले भी मंत्री तुलसी सिलावट ने भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात की थी और मुख्यमंत्री जब कोरोना पॉजिटिव निकले थे, तब उनकी अपील के बावजूद उन्होंने अपनी कोरोना की जांच देरी से करवाई. रिपोर्ट आने तक भी सांवेर में हजारों लोगों से मिलते रहे. ऐसा कर उन्होंने कई लोगों मुसीबत में डाला. अभी भी होम आईसोलेशन में रहने की बजाय जिस तरह वे बाहर घूम रहे हैं, कई लोगों की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए वे लेकर खतरा पैदा कर रहे हैं. प्रदेश के कई मंत्रिगण इसी प्रकार कोरोना के प्रोटोकॉल का मजाक उड़ा रहे हैं. मुख्यमंत्री की अपील व निर्देशों का उन पर कोई असर नहीं है. ऐसे मंत्रियों को तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए.
मंत्री का बंगला भी नहीं हुआ था सील
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट उनकी पत्नी और उनके बेटे नीतेश सिलावट की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बावजूद मंत्री के बंगले को न कंटेन्मेंट एरिया बनाया गया था, न बंगले को सील किया गया था. कई दिनों तक बंगले में आवाजाही बनी रही थी. मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन को आनन-फानन में बंगले को कंटेनमेंट जोन बनाकर सील करना पड़ा था. जबकि कोरोना की गाइडलाइंस के मुताबिक जब कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है तो न केवल उसके घर को बल्कि आसपास के एरिया को कंटेंनमेंट एरिया बनाकर बैरिकेडिंग कर दी जाती है और लोगों को उस एरिया में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. लेकिन मंत्री के रसूख के चलते उस दौरान भी नियमों का उल्लंघन किया गया था.