Jyotiraditya Scindia | Congress Leader Jitu Patwari On Rajya Sabha MP Jyotiraditya Scindia Over His Visit to Indore-Ujjain | टाइगर जिंदा है तो 5 महीने में ग्वालियर-चंबल संभाग में क्यों नहीं दिखा, सम्मान के लिए पार्टी छोड़ी तो अब क्यों दर-दर भटक रहे हैं

Jyotiraditya Scindia | Congress Leader Jitu Patwari On Rajya Sabha MP Jyotiraditya Scindia Over His Visit to Indore-Ujjain | टाइगर जिंदा है तो 5 महीने में ग्वालियर-चंबल संभाग में क्यों नहीं दिखा, सम्मान के लिए पार्टी छोड़ी तो अब क्यों दर-दर भटक रहे हैं


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भोपाल4 घंटे पहले

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जीतू पटवारी ने कहा कि ईगो अहंकार, हठधर्मिता और मैं हूं को बताने के लिए सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया और मैं मानता हूं कि वो सफल हो गए। राजनीति में यह होने वाली प्रक्रिया है।

  • पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की इंदौर-उज्जैन यात्रा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी
  • पटवारी के कहा- सिंधिया अगर सम्मान की बात के लिए आपने पार्टी छोड़ी थी तो अब वे क्यों दर-दर भटक रहे हैं

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की इंदौर-उज्जैन यात्रा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जीतू ने कहा कि सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार गिराई तो उन्होंने भाजपा कार्यालय में सदस्यता ग्रहण करते हुए दो बातें कही थीं। एक कि मैं सम्मान के लिए राजनीति करता हूं और दूसरा जनसेवा मेरा प्रमुख लक्ष्य है, जो मेरी पारिवारिक विरासत है।

पटवारी के कहा कि फिर सिंधिया अगर सम्मान की बात के लिए आपने पार्टी छोड़ी थी तो अब वे क्यों दर-दर भटक रहे हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले दो प्रमुख चेहरे थे एक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी और दूसरा सिंधिया। सिंधिया ने कहा था कि उनसे कहा गया कि सड़क पर आ जाओ तो मैं सड़क पर आ गया और सरकार को भी सड़क पर ले आए। उनके ईगो अहंकार, हठधर्मिता और मैं हूं को बताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया और मैं मानता हूं कि वो सफल हो गए। राजनीति में यह होने वाली प्रक्रिया है। लेकिन राजनीति का मूल उद्देश्य लोगों की सेवा का है।

पढ़िए और क्या कहा जीतू पटवारी ने

  • पटवारी ने कहा कि उन्होंने सड़क पर आने का उद्देश्य बताया था कि अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों की लड़ाई लडूंगा। लेकिन आज तक इनके लिए सिंधिया सड़कों पर नहीं आए। आज 68-69 हजार अतिथि शिक्षकों को पिछले 3-4 महीनों से वेतन नहीं मिला। करीब 65 लोगों की आत्महत्या के आंकड़े आए हैं।
  • उन्होंने एक दिन कहा कि टाइगर अभी जिंदा है, तो पिछले पांच महीने में आज तक ग्वालियर-चंबल जनसेवा के लिए टाइगर क्यों नहीं गया और जंगलराज में आज आए हैं इंदौर-उज्जैन के दौरे पर?
  • मैं सिंधिया को आग्रह करना चाहता हूं, प्रार्थना करना चाहता हूं कि उन अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वानों के लिए आप सड़क पर आएं, आप कम से कम एक बार तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख देते कि इनका क्या कर रहे हैं?
  • वे अगर सम्मान के लिए गए थे तो जब वे कांग्रेस पार्टी में थे तो लोग उनके दर पर जाते थे, अब भाजपा में वो लोगों के दर-दर जा रहे हैं। इंदौर-उज्जैन में लोगों के दर-दर उनको जाना पड़ रहा है अगर यह सम्मान की बात है तो विचार बनता है।
  • मंत्रिमंडल में 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री नहीं बना सकते लेकिन शिवराज सरकार ने पॉलिटिकल मैनेजमेंट के लिए 4 से 5 मंत्री अधिक बना रखे हैं। जिसको लेकर कोर्ट में याचिका लगी है। सिंधिया अब मेरे मंत्री न हटें, इसके लिए दर-दर भटक रहे हैं।
  • उच्च शिक्षा विभाग का मंत्री रहा हूं, मैंने सभी अतिथि विद्वानों को शत प्रतिशत नियुक्ति देने की कार्यवाही की। एक भी अतिथि विद्वान को बाहर नहीं रहने दूंगा, ऐसा प्रावधान बनाया था। दुर्भाग्य की बात है कि पीछे के रास्ते से हमारी सरकार को गिरा दिया गया।
  • लगभग 65 अतिथि विद्वानों के अतिरिक्त 28 अन्य बेरोजगारों ने आत्महत्या कर ली, इसका जिम्मेदार कौन है। अतिथि विद्वानों को सही समय पर सैलरी देना सरकार का दायित्व है, लेकिन सरकार उन्हें सैलरी नहीं दे रही है।
  • सरकारी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को सैलरी नहीं दी जा रही है। मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां आज अतिथि शिक्षक, विद्वान इच्छामृत्यु मांग रहे हैं। उस शिक्षक द्वारा इच्छा मृत्यु की बात की जा रही है जो लोगों को शिक्षा देता है, लोगों को ज्ञान देता है। सवा से डेढ़ लाख अतिथि शिक्षक, विद्वानों के परिवार प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।

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