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- N Srinivasan Has Revealed He Overruled The Selection Panel And “exercised All My Authority” As BCCI President To Save MS Dhoni’s Captaincy In 2011
8 घंटे पहले
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पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के मुताबिक, तब मैंने सिलेक्टर्स से कहा था कि कुछ महीने पहले ही धोनी की कप्तानी में हम वर्ल्ड कप जीते हैं। ऐसे में उन्हें कैसे हटा सकते हैं। -फाइल
- एन श्रीनिवासन ने कहा- तब बीसीसीआई अध्य़क्ष होने के नाते मैंने अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सिलेक्शन कमेटी को यह फैसला करने से रोका था
- 2011 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज 0-4 से हार गई थी, इसके बाद धोनी को कप्तानी से हटाने की आवाज उठी थी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने खुलासा किया है कि 2011 के वर्ल्ड कप के बाद सिलेक्शन कमेटी महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया का कप्तान नहीं बनाना चाहती थी। तब मैंने बोर्ड अध्यक्ष होने के नाते अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर उनकी कप्तानी बचाई थी।
2011 में टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में 28 साल बाद दोबारा वनडे वर्ल्ड कप जीता था। हालांकि, वर्ल्ड चैम्पियन बनने के बाद 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम इंडिया टेस्ट सीरीज 0-4 से हार गई थी। इसके फौरन बाद तत्कालीन सिलेक्शन कमेटी ने अगली वनडे सीरीज के लिए धोनी को कप्तानी से हटाने का फैसला कर लिया था।
सिलेक्शन कमेटी के इस फैसले को रोकने के लिए श्रीनिवासन गोल्फ कोर्स से सीधे सेलेक्टर्स की मीटिंग में पहुंच गए थे।
मैं गोल्फ कोर्स से सीधे मीटिंग में पहुंचा था: श्रीनिवासन
बोर्ड अध्यक्ष श्रीनिवासन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उस दिन छुट्टी थी और मैं गोल्फ खेल रहा था। मैं वापस आया और तब मुझे बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बताया कि सर सिलेक्टर्स धोनी को कप्तान बनाने से इनकार कर रहे हैं। वे धोनी को टीम में लेंगे। तब मैं सीधा मीटिंग में पहुंचा और बोर्ड अध्यक्ष होने के नाते अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि धोनी ही टीम के कप्तान होंगे।
‘मैंने सेलेक्टर्स से पूछा कि हम कैसे धोनी को हटा सकते हैं’
उन्होंने आगे बताया कि तब भारत ने वर्ल्ड कप जीता था। लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हम टेस्ट सीरीज हार गए थे। इसलिए सिलेक्शन कमेटी की मीटिंग में शामिल एक सिलेक्टर उन्हें (धोनी) वनडे की कप्तानी से हटाना चाह रहा था।
लेकिन सवाल यह था कि आप उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से कैसे हटा सकते हैं? क्योंकि उन्होंने कुछ महीने पहले ही वर्ल्ड कप जीता था। सिलेक्टर्स ने तब यह भी नहीं सोचा कि उनका रिप्लेसमेंट कौन होगा।
पहले बोर्ड अध्यक्ष की मंजूरी के बाद ही टीम फाइनल होती थी
बीसीसीआई के पुराने संविधान के मुताबिक, सिलेक्शन कमेटी को टीम चुनने के लिए बोर्ड अध्यक्ष की मंजूरी लेनी होती थी। हालांकि, लोढ़ी कमेटी की सिफारिशें अमल में आने के बाद चीफ सेलेक्टर को सिलेक्शन के मामले में अंतिम फैसला लेने का अधिकार मिल गया है।
तब मोहिंदर अमरनाथ को सेलेक्शन पैनल से हटाया गया था
श्रीनिवासन का यह बयान 2011 में धोनी को वनडे टीम की कप्तानी से हटाने के जो कयास लगे थे, उसकी पुष्टि करता है। इससे साफ होता है कि तब बीसीसीआई अध्यक्ष और आईपीएल चेन्नई सुपर किंग्स के ओनर होने के नाते उन्होंने दखल देते हुए धोनी की कप्तानी बचाई थी।
तब ऐसे भी अटकलें थीं कि इस मीटिंग के बाद मोहिंदर अमरनाथ को सिलेक्शन पैनल से हटा दिया था, जबकि वे श्रीकांत की जगह सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन बनने वाले थे। उस समय धोनी को कप्तानी से हटाने की वकालत करने में अमरनाथ सबसे आगे थे। बाद में संदीप पाटिल सीनियर सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन बने थे।
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