महू2 घंटे पहले
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शाम 4.30 बजे तिरपाल के नीचे हल्की बारिश में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा।
- बजरंगपुरा मजरे का मामला, पंचायत का कहना कवटी गांव के चौकीदार ने ले रखा स्टे
तहसील मुख्यालय से 7 किमी दूर बजरंगपुरा, 80 घरों का मजरा… यहां के लोग दुआ करते हैं बारिश में किसी की मौत नहीं हो, क्योंकि यहां के मुक्तिधाम में शेड नहीं है। पंचायत ने चार साल पहले यहां शेड बनाने की तैयारी की तो पास के गांव कवटी का चौकीदार कोर्ट से यह कहकर स्टे ले आया कि यह जमीन उसे शासन ने दे रखी है। कोर्ट में चल रहे इस केस के चलते यहां शेड नहीं बन पाया है। रविवार को 85 वर्षीय नानूराम दाजी की मौत होने पर सुबह से घरवाले बारिश थमने का इंतजार करते रहे और शाम 4.30 बजे तिरपाल के नीचे हल्की बारिश में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा।
गांव के कबीर लोक गायक भेरूसिंह चौहान ने बताया 10.30 बजे तक परिजन और रिश्तेदार इकट्ठा हो गए। सारी तैयारी के बावजूद बारिश होने पर रुकना पड़ा क्योंकि मुक्तिधाम में शेड नहीं होने से लकड़ी-कंडे जल ही नहीं पाते हैं। शाम 4 बजे तक बारिश नहीं रुकी तो मुक्तिधाम जाना पड़ा। अंतिम संस्कार के दौरान शव के ऊपर तो तिरपाल लोगों ने पकड़ ली लेकिन जब एक साइड से भी बौछारें अंदर आने लगी तो तत्काल तिरपाल मंगवाई और लोग पकड़कर खड़े हुए। तब जाकर अंतिम संस्कार हो सका।
पुलिस ने कहा पिगडम्बर ले जाओ, घरवाले वाले बोले 7 किमी दूर है : सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घरवालों को पिगडम्बर में अंतिम संस्कार करने के लिए कहा तो घरवालों ने बताया 7 किमी दूर है।
चार साल से शेड के लिए रुपया स्वीकृत, चौकीदार ने ले रखा स्टे
ग्राम प्रधान संतोष बारिया बताते हैं कि मुक्तिधाम में 20 बाय 20 का शेड बनाने के लिए चार साल पहले डेढ़ लाख रुपया स्वीकृत हो चुका है। हम तो भूमिपूजन भी कर चुके हैं लेकिन कवटी के चौकीदार बंसीलाल सुमरा ने कोर्ट स्टे ले रखा है। सचिव मुकेश शर्मा ने बताया चौकीदार का कहना है कि यह जमीन उसे शासन से अलाट है। केस कोर्ट में होने से निर्माण नहीं हो सका है।
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