Contingency facilities and doctors’ tote in multi-million-rupee hospital buildings on the highway | हाईवे पर करोड़ों रुपए से बने अस्पताल भवनों में आकस्मिक सुविधाओं और डॉक्टरों का टोटा

Contingency facilities and doctors’ tote in multi-million-rupee hospital buildings on the highway | हाईवे पर करोड़ों रुपए से बने अस्पताल भवनों में आकस्मिक सुविधाओं और डॉक्टरों का टोटा


सीहोर2 घंटे पहले

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  • आष्टा में 17 करोड़, जावर में दो करोड़ से बने हैं अस्पताल भवन, दोनों में डॉक्टरों की कमी

यदि सबसे अधिक हादसे होते हैं तो वह भोपाल-इंदौर फोरलेन हाईवे मार्ग है। उसके बाद भी घायलों को इमरजेंसी चिकित्सा नहीं मिल पाती है। जिन्हें सिविल अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद सीहोर रेफर कर दिया जाता है। भले ही यहां पर शासन ने आष्टा और जावर तहसील में करोड़ों रुपए की लागत के भवन खड़े कर दिए हैं, लेकिन सुविधा कुछ भी नहीं है। डॉक्टरों के रिटायर व ट्रांसफर होने के बाद नए डॉक्टर्स नहीं आ पाए हैं। जिससे डॉक्टरों के अलावा इलाज की सुविधा का टोटा है। जबकि जावर में महिला डॉक्टर ही नहीं हैं। आष्टा में सिविल अस्पताल के पुराने भवन की जगह पर 17 करोड़ की लागत से भवन बना है। इसी तरह जावर तहसील में दो करोड की लागत की सुविधायुक्त भवन निर्माण हुआ है। इसके चार साल बाद भी सिविल अस्पताल आष्टा में सोनोग्राफी मशीन, आधुनिक ओटी, आईसीयू सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। इसके चलते विशेषज्ञ डॉक्टर भी कुछ दिनों बाद यहां से चले जाते हैं। पिछले तीन सालों में यहां से तीन डॉक्टरों का ट्रांसफर हो चुका है तथा दो डॉक्टर रिटायर हो चुके हैं। इसी तरह 2018 में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.एचएल दलोदिया भी रिटायर हो चुके हैं। जब से अभी तक उनके स्थान की भरपाई नहीं हो सकी है। जावर अस्पताल में महिला डॉक्टर की नियुक्ति सालों बाद भी नहीं हो सकी है। जावर तहसील क्षेत्र के एक मात्र सबसे बड़े शासकीय सामुदायिक केंद्र में इमरजेंसी सुविधाओं के साथ ही कई कमियां हैं। इससे घायलों को यहां से आष्टा व आष्टा से सीहोर रेफर करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

हार्ट मरीजों को दिक्कत
सिविल अस्पताल में पदस्थ रहे वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.एचएल दलोदिया के सेवानिवृत के बाद दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इससे हार्ट मरीजों को परेशानी होती है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जा चुका है।

जावर में डॉक्टरों का टोटा
अस्पताल में दो डॉक्टर ही पदस्थ हैं। महिला चिकित्सक व डाक्टरों के पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं। यहां पर एक्सरे मशीन के साथ ऑपरेटर की भी जरूरत हैं। जिसे यहां के सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं।

हाईवे के बावजूद लापरवाही
नगर के सुरेश वर्मा, सुदीप जायसवाल, अशोक परमार का कहना है कि भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे से दो किमी अंदर बसे आष्टा व जावर कस्बा के अस्पतालों में आवश्यक सुविधा नहीं मिल पाती हैं। जबकि हाईवे व आसपास गांवों में सड़क दुर्घटना आए दिन होती हैं। इमरजेंसी सुविधा के अभाव में घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सीहोर रेफर किया जाता है। इस वजह से कई रास्ते में जाव गवां देते हैं।
एक्स-रे, सोनोग्राफी सुविधा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जावर में न तो एक्स-रे मशीन है ओर न ही सोनो ग्राफी मशीन व ब्लड यूनिट की सुविधा है। नगर की पुष्पा ठाकुर का कहना है कि भवन बनने के बाद भी ऑपरेशन की व्यवस्था नहीं है। जबकि तहसील क्षेत्र के लोग इसी अस्पताल के भरोसे हैं।
अवगत करा चुके हैं
^रोकस की बैठक में जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को स्टाफ की कमी से अवगत करा चुके हैं।
-डॉ.प्रवीर गुप्ता, बीएमओ।

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