नई दिल्ली: बेशक टीम इंडिया के 2महान दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना ने इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया. लेकिन इन दोनों के खेल के किस्सों का जिक्र हमेशा चलता रहेगा. साथ ही क्रिकेट में भारतीय टीम के इन दोनों धुरंधरों के रिकॉर्ड और साझेदारियों की चर्चाएं भी चलती रहेंगी. धोनी और रैना का याराना जितना मैदान के बाहर रहता है, उतना मैदान पर भी इन दोनों की जुगलबंदी कायम रहती थी. यूं तो इन दोनों ने टीम इंडिया के लिए कई सारे मुकाबले खेले, लेकिन एक मुकाबला ऐसा भी था, जब रैना और धोनी ने भारत को वर्ल्ड कप में एक शर्मनाक हार से बचाकर टीम इंडिया को विजयी बनाया था.
यह भी पढ़ें- जब सचिन तेंदुलकर ने BCCI से कहा था, ‘धोनी को अगला कप्तान बनाया जाना चाहिए’
साल 2015 का वर्ल्ड कप न्यूजीलैंड के ऑकलैंड के ईडन पार्क मैदान पर भारत बनाम जिंबाब्वे के बीच मुकाबला खेला जा रहा था. टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया. जिंबाब्वे के कप्तान ब्रैडन टेलर ने माही के फैसले को गलत साबित कर 110 गेंदों में 138 रनों की पारी खेल, जिंबाब्वे का स्कोर 287 तक पहुंचा दिया. 288 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया शुरुआत में लड़खड़ा गई और 92 रनों तक पहुंचते-पहुंचते टीम ने रोहित शर्मा, शिखर धवन, अंजिक्य रहाणे और विराट कोहली के रूप अपने 4 विकेट गंवा दिए.
अब क्रीज पर भारत 2 सबसे अनुभवी और भरोसेमंद खिलाड़ी मौजूद थे महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना. विरुद्धी टीम को ऐसा लग रहा था कि वह शायद यह मैच जीत जाएगी. यह लाजिमी भी था क्योंकि 92-4 के स्कोर पर फंसी हुई दिख रही थी. लेकिन जैसी ही धोनी और रैना की आंखें पिच पर जमीं और उसके बाद दोनों जिंबाब्वे के बॉलरों को धुनाई शुरू कर दी. आलम यह रहा कि 5वे विकेट के लिए इन दोनों ने रिकॉर्ड 196 रनों की नाबाद साझेदारी निभाई और टीम इंडिया को 6 विकेट से जीत भी दिलाई.
धोनी और रैना ने अपने दम इस मुकाबले को एकतरफा करते हुए 8 गेंद शेष रख 288-4 का स्कोर बना दिया. इस दौरान सुरेश रैना ने विश्व कप में अपना पहला शतक पूरा करते हुए 104 गेंदों में 9 चौके और 4 छक्के की मदद से नाबाद 110 रन बनाए, जिसके लिए रैना को ‘मैन ऑफ द मैच’ भी चुना गया. दूसरी तरफ महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 76 गेंदों का सामना करते हुए 8 चौके और 2 छक्कों की बदौलत नाबाद 85 रन ठोंक डाले.