- Hindi News
- Local
- Mp
- Madhya Pradesh Indore (Honey Trap Case) News Update; Hearing On The Petitions Filed For CBI Investigation Completed
8 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
ये चारों महिलाएं हनीट्रैप मामले की मुख्य आरोपी हैं। इन महिलाओं पर अधिकारियों और नेताओं को अपने जाल में फंसा कर ब्लैकमेल कर कोरोड़ों रुपए वसूलने का आरोप है।
- सीबीआई जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
- डिवीजन बेंच ने सभी को सुनने के बाद कहा कि वे कुछ और दस्तावेज, तर्क देना चाहते हैं तो आठ दिन के भीतर कोर्ट में जमा करा सकते हैं
हनी ट्रैप मामले की जांच सीबीआई को सौंपने और बार-बार एसआईटी चीफ बदले जाने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को इंदौर की हाईकोर्ट बैंच ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तर्क रखे।
जस्टिस एससी शर्मा व जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की डिवीजन बेंच ने सभी को सुनने के बाद कहा कि वे कुछ और दस्तावेज, तर्क देना चाहते हैं तो आठ दिन के भीतर कोर्ट में जमा करा सकते हैं। एसआईटी की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने पैरवी की। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर एसआईटी चीफ से सीलबंद रिपोर्ट व अधिकारियों के नाम पर सवाल-जवाब किए थे।
याचिकाकर्ताओं के तर्क
1. शिकायतकर्ता हरभजन सिंह को भी आरोपी बनाएं
याचिकाकर्ता दिग्विजय भंडारी की ओर से सीनियर एडवोकेट मनोहर दलाल ने कहा कि शिकायतकर्ता हरभजन सिंह को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए। एसआईटी में राज्य सरकार के ही पुलिस अधिकारी हैं। ऐसे में उनका झुकाव अधिकारियों की ओर ही रहेगा। सीबीआई ही तटस्थ एजेंसी के रूप में सही जांच कर सकती है।
2. सीबीआई इच्छुक है तो केस उसे सौंप देना चाहिए
याचिकाकर्ता शेखर के अधिवक्ता धर्मेंद्र चेलावत ने कहा, सीबीआई ने 16 मार्च को ही इस केस को हाथ में लेने की मंशा जाहिर कर दी थी। सीबीआई जवाब में कह चुकी है कि 10 दिन में तीन बार एसआईटी चीफ बदलना यह बताता है कि सरकार में ही लोग इस केस को दबाना चाहते हैं। हर बार जब हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई, फटकार लगाई तो एसआईटी ने सीलबंद जांच रिपोर्ट पेश की। सीबीआई इच्छुक है तो केस उसे सौंप देना चाहिए। एसआईटी पर अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का नियंत्रण रहता है।
3. एसआईटी बहुत लचर जांच कर रही है
याचिकाकर्ता शिरीष मिश्रा की ओर से अधिवक्ता निधि बोहरा पूर्व में ही सीबीआई जांच के लिए अंतरिम आवेदन लगा चुकी थीं। आवेदन में लिखा है कि एसआईटी बहुत ही लचर तरीके से जांच कर रही है। कुछ दस्तावेज जांच के लिए भेजे तो कुछ छोड़ दिए गए। ऐसे में सही जांच एसआईटी से संभव नहीं है।
एसआईटी की दलील- याचिकाएं चलने योग्य नहीं, सभी में केवल सीबीआई जांच की मांग
एसआईटी की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने तर्क रखे कि याचिकाओं में सटीक तथ्य नहीं है। एसआईटी सही दिशा में जांच कर रही है। केवल नाम सामने आने पर केस दर्ज नहीं किया जा सकता, ठोस सबूत जरूरी हैं। हैदराबाद स्थित लैब में गैजेट्स जांच के लिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट आना बाकी है। एसआईटी के पास ही जांच रहे।
यह है हनीट्रैप मामला
नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कुछ महिलाएं अश्लील वीडियो के नाम पर उन्हें ब्लैकमेल कर रही हैं। ये महिलाएं तीन करोड़ रुपये मांग रही हैं। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो महिलाओं को हिरासत में ले लिया। इस मामले की जांच के दौरान कुछ और आरोपित भी बनाए गए। मामले में हरभजन सिंह पर भी आरोप लगा कि उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपित महिलाओं को आर्थिक फायदा पहुंचाया और शासन को करोड़ों रुपये की चपत लगाई। बाद में हरभजन को भी रीवा ट्रांसफर करते हुए निलंबित कर दिया गया। हरभजन ट्रांसफर और निलंबन को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट पहुंचा था लेकिन कोर्ट ने उसके ट्रांसफर और निलंबन को सही माना।
0