Manager from 14 different numbers, become agent, looted 58 lakhs in the name of getting insurance money | 14 अलग-अलग नंबरों से मैनेजर, एजेंट बन किया संपर्क बीमा का पैसा दिलाने के नाम पर 58 लाख ठगे

Manager from 14 different numbers, become agent, looted 58 lakhs in the name of getting insurance money | 14 अलग-अलग नंबरों से मैनेजर, एजेंट बन किया संपर्क बीमा का पैसा दिलाने के नाम पर 58 लाख ठगे


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इंदौर15 मिनट पहले

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  • क्राइम ब्रांच एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया भंवरकुआं इलाके में रहने वाले तेल कारोबारी के साथ ठगी हुई है

बीमा पॉलिसी की राशि दिलाने के नाम पर बदमाशों ने 65 वर्षीय तेल कारोबारी से पांच महीने में 58 लाख रुपए ठग लिए। कारोबारी के बेटे को जब खातों में काफी ट्रांजेक्शन दिखे तो उसने क्राइम ब्रांच को शिकायत की। क्राइम ब्रांच एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया भंवरकुआं इलाके में रहने वाले तेल कारोबारी के साथ ठगी हुई है। पांच महीने से गिरोह के बदमाश 14 अलग-अलग नंबरों से फोन कर कभी कंपनी मैनेजर, एजेंट, क्लियरेंस ऑफिसर तो कभी ब्रांच हेड व सीनियर मैनेजर बनकर कॉल करते और हर बार किसी नई व्यवस्था की प्रोसेसिंग दिखाकर कारोबारी के सेविंग खाते से रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते। सबसे पहले कारोबारी की 16 बैंक पॉलिसियों की जानकारी जुटाई। फिर इन्हें जीबीआईसी (गवर्मेंट बोर्ड ऑफ इंश्योरेंस काउंसिल) दिल्ली के नाम का एक लेटर भेजा। इसमें बताया आपकी बीमा पॉलिसी परिपक्व हो गई हैं। आपने समय पर राशि नहीं निकाली, इसलिए कुछ राशि जीबीआईसी में ट्रांसफर की गई है। अब इस राशि को निकालने के लिए कुछ प्रक्रिया करना होगी। इसके बाद कभी चार लाख, कभी साढ़े पांच लाख करके पांच से छह महीनों में कुल 58 लाख 50 हजार ठग लिए।

कंपनी को जानकारी नहीं देने के नाम पर धमकाया

बदमाशों ने पेंशन प्लान के परिपक्व होने और उसकी जानकारी कंपनी को न देने की पेनल्टी के नाम पर भी ठगा। बदमाशों ने डराया तो कारोबारी ने पेनल्टी राशि कम करने की गुहार लगाई। इस पर एजेंट बने बदमाश ने 20 हजार रुपए कम कर दिए।

फोन पर कभी भी रुपए जमा नहीं कराती कंपनियां

इंश्योरेंस कंपनी कस्टमर से फोन पर संपर्क कर न तो पॉलिसी का अमाउंट किसी वॉलेट में ट्रांसफर करती है न ही बिना जानकारी पॉलिसी में छेड़छाड़ की जाती है। यदि किसी की पॉलिसी परिपक्व भी होती है तो संबंधित व्यक्ति को पत्राचार, ईमेल के बाद कंपनी का एजेंट घर जाकर संपर्क करता है। बैंक खाते की जानकारी, आधार कार्ड व आईडी लेने के बाद खाते में एनईएफटी से ही पैसा ट्रांसफर किया जाता है। फ्रॉड करने वाले सिर्फ बातों में उलझाते हैं।
– गिरिराज गुप्ता, भारतीय जीवन बीमा निगम, चेयरमैन क्लब के सदस्य

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