दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट याद दिलाए (फाइल फोटो)
दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने 9 अगस्त को ट्वीट किया था.इसमें लिखा था कि प्रदेश सरकार को यह करना चाहिए कि नौकरी में उन्हीं को लें जिन्होंने दसवीं मध्यप्रदेश (MP) से पास की हो
शिवराज सरकार की घोषणा को बीजेपी ने कैश कराना शुरू कर दिया है. बीजेपी इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए प्रदेश के युवाओं के लिए उत्साह बढ़ाने वाला फैसला बता रही है, तो वहीं कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री शिवराज के फैसले का श्रेय लेना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने 9 अगस्त को किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश के युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता देने के फैसले का स्वागत किया है.दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में कहा मेरी मांग शिवराज आपने स्वीकार की इसके लिए धन्यवाद. लेकिन जब तक सरकारी आदेश नहीं निकलेगा तब तक आप पर कैसे भरोसा करें.
दिग्विजय का ट्वीट
दिग्विजय सिंह ने 9 अगस्त को ट्वीट किया था. इसमें लिखा था कि प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोरोना संकटकाल में बेरोजगारों की संख्या में तेजी आई है. प्रदेश सरकार को यह प्रावधान करना चाहिए कि नौकरी में उन्हीं को लें जिन्होंने दसवीं मध्यप्रदेश से पास की हो. आज जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका ऐलान किया तो दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को धन्यवाद देते हुए इसका श्रेय लिया.
कमलनाथ ने याद दिलाए फैसले
पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी बेरोजगारी के मुद्दे पर पिछली सरकार के फैसलों को गिनाया. सीएम शिवराज के सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता देने के ऐलान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा मैंने 15 महीने की सरकार में युवाओं को प्राथमिकता से रोजगार देने के लिए कई प्रावधान किए. कांग्रेस सरकार ने उद्योग नीति में बदलाव कर प्रदेश के 70 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देना अनिवार्य किया था. युवा स्वाभिमान योजना के जरिए युवाओं को रोजगार देने का फैसला हुआ था. कमलनाथ ने शिवराज सरकार से सवाल पूछा है कि बीजेपी की 15 साल की सरकार में कितने युवाओं को रोजगार दिया यह भी सामने लाना चाहिए. कमलनाथ ने कहा 15 साल बाद आज युवाओं के रोजगार को लेकर सरकार जागी है. युवाओं को प्राथमिकता से नौकरी देने के फैसले पर अमल होना चाहिए. यह सिर्फ कोरी घोषणा बनकर न रह जाए. इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए कहा यह फैसला आगामी उपचुनाव को देखते हुए मात्र चुनावी घोषणा बनकर ना रह जाए. इस बात का ध्यान रखा जाए.