फिलहाल गीता सांकेतिक भाषा एक्सपर्ट पुरोहित दंपति के घर रह रही है. (फाइल फोटो)
डीआईजी हरि नारायाण चारी मिश्र ने कई घंटे तक गीता से बात की. उसके बाद उनका अनुमान है कि वो तेलंगाना के भद्राद्री, भूपालपल्ली, मुलगु, आदिलाबाद या छत्तीसगढ़ के बस्तर, सुकमा, बीजापुर, में से ही किसी जगह की हो सकती है.
परिवार की तलाश
पाकिस्तान से लौटी गीता फिलहाल इंदौर में सांकेतिक भाषा के जानकार पुरोहित दंपति के घर में रह रही है. इससे पहले उसे एक सामाजिक संस्था के हॉस्टल में रखा गया था. पाकिस्तान से लौटने के बाद सरकार का मुख्य मकसद उसे उसके बिछड़े परिवार से मिलवाना था. लेकिन 5 वर्ष बाद भी परिवार नहीं मिल पाया है. पाकिस्तान से भारत और फिर इंदौर आने के बाद उसके माता पिता और परिवार की काफी तलाश की गयी, लेकिन सब नाकाम रहे. इसके बाद गीता ने शादी की इच्छा जाहिर की थी. उसके लिए कई रिश्ते भी आए लेकिन गीता को रिश्ता पसंद नहीं आया.
मायूस रहती है गीताहाल ही में गीता के रहने का स्थान परिवर्तन किया गया. उसके बाद गीता कुछ मायूस रहने लगी.इस संदर्भ में पुरोहित दंपति ने इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र से संपर्क किया और हालात के बारे में जानकारी दी. डीआईजी ने खुद इस बार मोर्चा संभाला और उसके परिवार को तलाशने के प्रयास शुरू कर दिए.डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र अब गीता से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ कर रहे हैं. शुरुआती मनोवैज्ञानिक तौर पर हुई पूछताछ में इंदौर डीआईजी को कुछ ऐसे क्षेत्र समझ में आए जो गीता के घर के आस-पास का संभावित इलाका हो सकता है. इंदौर डीआईजी ने बातों ही बातों में गीता के पसंद का भोजन, नाश्ता, स्थान, मंदिर, फिल्म और कलाकार के बारे में जानकारी जुटाई.
तेलंगाना या छत्तीसगढ़?
मनोवैज्ञानिक तौर पर हुई पूछताछ में इंदौर डीआईजी का अनुमान है कि गीता तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित किसी इलाके की रहने वाली है. उसे पूछताछ के दौरान कुछ फिल्में दिखाई गयीं इनमें से कुछ भाषाओं को और कुछ हीरो को उसने पहचाना.इनमें से ज़्यादातर तेलुगु फिल्म ही थीं. अब उन संभावित इलाकों की पहचान कर इंदौर पुलिस इंदौर डीआईजी के मार्गदर्शन में गीता के परिवार की नये सिरे से तलाश करेगी.
इस तरह पहुंची पाकिस्तान
पूछताछ में सांकेतिक भाषा के जानकार पुरोहित दंपति की मदद से गीता ने इंदौर डीआईजी को बताया कि वह अपने परिवार के साथ दिल्ली रेलवे स्टेशन पर थी. इस दौरान वह अपने परिवार से बिछड़ गई और फिर गलत ट्रेन में जा बैठी.उसके बाद से आज तक परिवार का पता नहीं चल पाया. जब वह ट्रेन में से उतरी तो उसे पूरा इलाका नया और अंजान नज़र आया.पता चला कि वो पाकिस्तान था. वहां मौजूद पुलिस कर्मी उसके पास पहुंचे और फिर उससे पूछताछ की. हालांकि जब पुलिस को समझ आया कि वह बोलने में सक्षम नहीं है ,तब सांकेतिक भाषा के जानकारों की मदद ली गई,उसके बाद से ही वह पाकिस्तान में ही रह रही थी.
नये सिरे से तलाश
कई घंटे तक चर्चा के दौरान डीआईजी हरि नारायाण चारी मिश्र इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि गीता तेलंगाना के भद्राद्री, भूपालपल्ली, मुलगु, आदिलाबाद या छत्तीसगढ़ के बस्तर, सुकमा, बीजापुर, में से ही किसी जगह की रहने वाली है. अब पुलिस दूसरे राज्यो के इन जिलों की पुलिस से सम्पर्क कर गीता के संभावित परिवार को तलाशेगी इसके साथ ही पुलिस पाकिस्तान दूतावास से भी यह जानकारी मांगेगी कि वह किस तारीख को पाकिस्तान पहुंची थी.फिर उसके आस पास के दिनों की इन जिलों और दिल्ली के पुलिस थानों से गुमशुदगी और अपहरण के दर्ज प्रकरण के बारे में जानकारी जुटाएगी. उसके बाद डीआईजी एक टीम बनाएंगे जो संभावित इलाकों में खुद जाकर तस्दीक करेगी.
DIG कहते हैं…
इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र के मुताबिक एक सामाजिक संस्था के माध्यम से पत्र प्राप्त होने के बाद गीता और सांकेतिक भाषा के जानकार पुरोहित दंपति को कार्यालय बुलाया गया था. पुरोहित दंपति के पत्र के अनुरोध पर गीता की काउंसलिंग की गई थी. इसी काउंसलिंग के दौरान निष्कर्ष निकला कि कुछ खास चिन्हित इलाकों में ऐसी ही संभावित जगह पर गीता का परिवार रहता होगा. अब उन जिलों की पुलिस से पत्राचार कर और अन्य जानकारी जुटाकर यह कोशिश की जाएगी कि गीता फिर से जल्द अपने परिवार के पास पहुंच जाए.