Common Eligibility Test (CET)| Center approves for formation of National Recruitment Agency (NRA) for one nation one examination | नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन को मिली केंद्र की मंजूरी, हर साल नौकरी की परीक्षाएं देने वाले तीन करोड़ युवाओं को बड़ी राहत

Common Eligibility Test (CET)| Center approves for formation of National Recruitment Agency (NRA) for one nation one examination | नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन को मिली केंद्र की मंजूरी, हर साल नौकरी की परीक्षाएं देने वाले तीन करोड़ युवाओं को बड़ी राहत


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9 मिनट पहले

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  • अभी केंद्रीय नौकरियों के लिए 20 से ज्यादा एजेंसियां टेस्ट करवाती हैं हर साल सवा लाख भर्तियां होती हैं
  • एसएससी, सभी रेलवे भर्ती बोर्ड और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग सर्विस पर्सनल द्वारा गैर तकनीकी पदों के लिए ली जाने वाली परीक्षाएं यही एजेंसी कराएगी

सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में केंद्र सरकार ने अहम सुधार किया है केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) को मंजूरी दे दी है। यह एजेंसी ग्रुप बी और सी के गैर तकनीकी पदों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) करवाएगी।

इस परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा का मौका मिल सकेगा। प्रारंभिक परीक्षा में क्वालीफाई करने वाले वैकेंसी के अनुसार अगली परीक्षा में बैठ सकेंगे। इस फैसले से हर साल सरकारी नौकरियों की परीक्षा में बैठने वाले तीन करोड़ युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी। इन्हें अलग-अलग आवेदन की फीस नहीं देनी पड़ेगी, ना ही परीक्षा देने दूर जाना पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश भर में 1000 से ज्यादा केंद्र बनाए जाएंगे।

सीईटी का स्कोर 3 साल तक होगा वैलिड राज्य और प्राइवेट सेक्टर साथ जुड़ सकेंगे

सवालः राष्ट्रीय एजेंसी कौन-कौन सी परीक्षा कराएगी?

जवाबः स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी), सभी रेलवे भर्ती बोर्ड और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल (आईबीपीएस) द्वारा गैर तकनीकी पदों के लिए ली जाने वाली सभी परीक्षाएं यही एजेंसी कराएगी। भविष्य में लगभग सभी एजेंसियां इस से जुड़ जाएगी।

सवालः क्या राज्य की एजेंसी या इसमें शामिल नहीं है?

जवाबः अभी सीईटी के स्कोर का इस्तेमाल उक्त तीन प्रमुख एजेंसियां ही करेंगी। कुछ समय बाद केंद्र की अन्य भर्ती एजेंसियां भी इसे अपना लेंगी। सीईटी का स्कोर केंद्र राज्य और निजी क्षेत्र की भर्ती एजेंसियों के साथ भी साझा होगा।

सवालः सीईटी क्वालीफाई करते ही नौकरी पक्की हो जाएगी?

जवाबः अभी ऐसा नहीं होगा, लेकिन भविष्य में ऐसा संभव है। सीईटी अभी सिर्फ टियर-1 परीक्षा है. यानी यह सिर्फ स्क्रीनिंग/शॉर्टलिस्टिंग के लिए है। सीईटी में शामिल कोई भी परीक्षार्थी वैकेंसी के अनुसार अगली उच्च स्तरीय परीक्षा के लिए सभी एजेंसियों के पास आवेदन कर सकते हैं।

सीईटी स्कोर के आधार पर यह एजेंसियां अलग से टियर 2 और टियर 3 की स्पेशलाइज्ड परीक्षा आयोजित करेंगी। हालांकि कुछ सरकारी विभागों में भर्ती के लिए दूसरे चरण की परीक्षा समाप्त करने और सिर्फ सीईटी स्कोर के आधार पर कैंडिडेट्स का फिजिकल और मेडिकल टेस्ट कर नियुक्ति देने के संकेत दिए हैं।

सवालः 12वीं पास या ग्रेजुएट के लिए भर्ती परीक्षा अलग होती है ऐसे में सीएटी में क्या व्यवस्था होगी?

जवाबः एनआरए भी तीन स्तर पर सीएटी संचालित करेगा। गैर तकनीकी पदों के लिए ग्रेजुएट हायर सेकेंडरी और मैट्रिक पास उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं होंगी, लेकिन पाठ्यक्रम एक ही होगा। अब हर परीक्षा अलग-अलग पाठ्यक्रम नहीं होंगे।

सवालः सीईटी का स्कोर कितने साल तक मान्य रहेगा और इस परीक्षा को कितनी बार दे सकेंगे?

जवाबः स्कोर रिजल्ट जारी होने की तारीख से 3 साल तक वैलिड होगा। उम्मीदवार स्कोर बढ़ाने के लिए बार-बार परीक्षा भी दे सकेंगे। सीईटी में ऊपरी आयु सीमा मौजूदा नियमों के अनुसार रहेगी। एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य श्रेणी के कैंडिडेट्स को ऐज लिमिट में छूट दी जाएगी।

सवालः परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस क्या होगी और परीक्षा केंद्र कैसे तय किए जाएंगे?

जवाबः उम्मीदवारों को पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इस दौरान परीक्षा केंद्र के लिए अपनी पसंद भी बतानी होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें एग्जाम सेंटर दिए जाएंगे। सरकार ने देश भर में 1000 परीक्षा केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा है।

सवालः नई व्यवस्था का फायदा क्या होगा?

जवाबः उम्मीदवारों को नौकरी के लिए परीक्षा में भाग लेने और तैयारी में लगने वाले महत्वपूर्ण समय, धन और कठिवाई से काफी हद तक राहत मिलेगी। सीईटी से भर्ती का साइकिल भी कम होगा। हर जिले में परीक्षा केंद्र होने से दूरदराज के इलाकों में रहने वाले कैंडिडेट को पहुंचने में आसानी होगी। सीईटी 12 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। सीईटी जैसी एकल परीक्षा से काफी हद तक उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा।

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