Three-and-a-half-year-old Chandeva ki Baawdi: Every year the Archaeological Department spends millions of rupees on renovations, yet circumstances like ruins, Shiva temple are not even looked after | हर साल पुरातत्व विभाग मरम्मत पर खर्च करता है लाखों रुपए फिर भी खंडहर जैसे हालात, शिव मंदिर की भी देखरेख नहीं

Three-and-a-half-year-old Chandeva ki Baawdi: Every year the Archaeological Department spends millions of rupees on renovations, yet circumstances like ruins, Shiva temple are not even looked after | हर साल पुरातत्व विभाग मरम्मत पर खर्च करता है लाखों रुपए फिर भी खंडहर जैसे हालात, शिव मंदिर की भी देखरेख नहीं


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दतिया19 घंटे पहले

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ये जिले की प्रसिद्ध और करीब साढ़े तीन सौ साल पुरानी चंदेवा की बावड़ी है। दतिया शहर से 7 किमी दूर दतिया-भांडेर रोड पर दांये तरफ यह बावरी बनी है। इस बावड़ी का निर्माण वीर सिंह देव (प्रथम) ने 1675 में कराया था। बावड़ी बहुत ज्यादा गहरी है, वैसे तो बावड़ी में साल के 12 महीने पानी रहता है। लेकिन बरसात में बावड़ी के अंदर बनी खिड़कियां डूब जाती हैं।

गर्मियों के सीजन में जब पानी नीचे उतरता है तब खिड़कियां निकलती हैं। क्विदंती है कि बावड़ी के अंदर गुप्त रास्ता है। हालांकि बावड़ी के अंदर जाना डरावना भी है। बावड़ी में प्राचीन भगवान भोलेनाथ का मंदिर है। मंदिर के पुजारी पप्पू यादव बताते हैं कि शनिवार को जब भांडेर से श्रद्धालु श्री पीतांबरा पीठ जाते हैं तो यहां भी सैकड़ों लोग दर्शन करते हैं। बावड़ी पुरातत्व विभाग के अधीन है और हर वर्ष लाखों रुपए मेंटेनेंस के नाम पर भी आते हैं। पिछले वर्ष एक लाख रुपए से मेंटेनेंस कराया लेकिन दीवारों से चूना गिर रहा है। पुरातत्व विभाग ऐतिहासिक धरोहरों को भी ठीक से सहेजकर नहीं रख पा रहा है।

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