फेथ ग्रुप का मालिक राघवेन्द्र लग्जरी लाइफ स्टाइल का शौकीन है.
राघवेंद्र सिंह तोमर (Raghvendra Singh Tomar) एक पुलिस परिवार से हैं. वो होशंगाबाद के मौजूदा एसपी संतोष सिंह गौर (Santosh Singh Gaur) के साले भी हैं. यही कारण है कि राघवेंद्र सिंह तोमर के संबंध आईपीएस अफसरों के साथ कई आईएएस और राजनेताओं से भी हैं.
सूत्रों के अनुसार कार्रवाई में 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिलने की संभावना है. भोपाल में 357 एकड़ जमीन, 22 रेसीडेंशियल प्लाट, 7 फ्लैट, 6 मकान, 4 डुप्लेक्स, 2 होटल-रिसोर्ट और 8 रेसीडेंशियल प्रोजेक्ट, 2 शापिंग मॉल, 4 दुकानें, 2 होटल्स समेत कई प्रापर्टी में करोड़ों का निवेश मिला है।
रिटायर्ड अफसरों का 500 करोड़ से ज्यादा का निवेश
सूत्रों के अनुसार फेथ कंपनी में प्रदेश के रिटायर्ड अधिकारियों का 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश की जानकारी भी मिली है. एक करोड़ से ज्यादा की नकदी और 100 से ज्यादा संपत्ति की जानकारी जुटाई है. एक रिटायर्ड आईपीएस अफसर नेवी करोड़ों का निवेश कंपनी में किया है. इसके अलावा कांग्रेस का आरोप है कि मंत्री अरविंद भदौरिया ने भी राघवेंद्र की कंपनी में करोड़ों का निवेश किया है. साथ ही कांग्रेस ने कई राजनेताओं और आईएएस आईपीएस अफसरों के द्वारा भी निवेश करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान बनाया
बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर ने भोपाल के रातीबड़ में बेटे के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के न्यूजीलैंड की तर्ज पर दो क्रिकेट मैदान बनाए हैं. स्टेडियम में टी 20 टूर्नामेंट का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी जहीर खान ने उद्धघाटन किया था. जबकि सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने एक मैच खेला था. तोमर रिटायर्ड आईजी के बेटे हैं.
व्यापम से कनेक्शन
राघवेंद्र सिंह तोमर का व्यापम से कनेक्शन भी सामने आया है. फेथ पर प्रीपीजी परीक्षा में कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि उनकी मंडीदीप स्थित फैक्ट्री में कई परीक्षार्थियों को प्रीपीजी जी की परीक्षा पास कराई गई थी. इस मामले में उन्हें गवाह बनाया गया था. इसके अलावा व्यापम घोटाले की वन रक्षक भर्ती परीक्षा में भी उन्हें सरकारी गवाह बनाया गया था.