The people of Indore told the Government of India – Yes, my city is the cleanest, this is the reason for the fourth win with 95 percent feedback; Indore-Surat both got 1500 marks in the survey | भारत सरकार को इंदौर के लोगों ने बताया- हां मेरा शहर सबसे स्वच्छ, यही 95 प्रतिशत फीडबैक बना चौथी जीत की वजह; सर्वे में इंदौर-सूरत दोनों को 1500 अंक मिले

The people of Indore told the Government of India – Yes, my city is the cleanest, this is the reason for the fourth win with 95 percent feedback; Indore-Surat both got 1500 marks in the survey | भारत सरकार को इंदौर के लोगों ने बताया- हां मेरा शहर सबसे स्वच्छ, यही 95 प्रतिशत फीडबैक बना चौथी जीत की वजह; सर्वे में इंदौर-सूरत दोनों को 1500 अंक मिले


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इंदौर3 घंटे पहले

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इस जगह 4 साल पहले 15 लाख मीट्रिक टन कचरे का पहाड़ था। आज 80 हजार पौधे हैं, सिटी फॉरेस्ट बनाने की तैयारी है। इंदौरवासियों कीे सफाई की आदत काे समर्पित स्थल। यहीं सफाई मित्रों ने दैनिक भास्कर का मास्टहेड बना दिया। नमन…

  • इंदौर ने 4241 शहरों को हराया, सूरत नं. 2 नवी मुंबई नं. 3
  • इंदौर के 1416 लोगों ने फीडबैक, वहीं सूरत के 1369 लोगों ने दिए फीडबैक

इंदौर ने लगातार चौथी बार सफाई में नंबर 1 का खिताब बरकरार रखा। 2016 से शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान के पांचवें साल 2020 में सबसे कठिन मुकाबले के बावजूद इंदौर अव्वल रहा। गुरुवार को रिजल्ट घोषित हुआ, लेकिन भास्कर ने 18 अगस्त को ही बता दिया था कि इंदौर का चौका पक्का है। दिल्ली से वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने इसकी घोषणा करते इंदौर के सम्मान में खड़े होकर तालियां बजाते हुए कहा कि इस बार सबसे ज्यादा चुनौतियां थीं, फिर भी इंदौर ने बाजी मार ली। उन्होंने इंदौर में हुई थ्री आर कॉन्फ्रेंस का किस्सा सुनाते हुए कहा- मेरा काउंटर पार्ट जापान का एक व्यक्ति था। मुझे भी थोड़ी जापानी आती है तो मैंने उससे पूछा कि इंदौर में क्या देखा तो बताया कि मैं गंदगी ढूंढने के लिए शहर घूमा था, लेकिन नहीं मिली। इससे बड़ी तारीफ किसी शहर के लिए नहीं हो सकती। भोपाल में ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ पूर्व महापौर मालिनी गौड़, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल मौजूद थीं।

सर्वे में दूसरे नंबर पर सूरत और तीसरे पर नवी मुंबई रहा। दो साल लगातार दूसरे नंबर पर रहने वाला भोपाल पिछली बार 19वें नंबर पर पहुंच गया था। इस बार 7वें नंबर पर रहा। जबलपुर और ग्वालियर भी टॉप-20 में आए हैं। इस बार नंबर 1 की स्पर्धा में कड़ी टक्कर रही। इंदौर को कुल 6000 में से 5647.56 अंक मिले। वहीं सूरत को 5519.59 और नवी मुंबई को 5467.89 अंक मिले। चार क्वार्टर में हुए सर्वेक्षण में हमें सबसे ज्यादा 1500 में से 1416 अंक लोगों के फीडबैक से मिले। यही 95% हमारा जीत का सबसे बड़ा कारण रहा। सर्वे टीम ने भी पूरे 1500 अंक दिए। लीग में भी प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा।

यहां हर रास्ता सफाई की तरफ जाता है…

शहर में 2660 किमी सड़कों की सफाई हर दिन होती है। 400 किमी की सफाई मशीनों से और 2260 किमी 9 हजार सफाईकर्मी करते हैं। अब 400 किमी की सफाई और मशीनों से होगी। 575 डोर टू डोर कचरा वाहन 467 रूट पर दौड़ते हैं। फोटो हाईकोर्ट तिराहे का।

शहर में 2660 किमी सड़कों की सफाई हर दिन होती है। 400 किमी की सफाई मशीनों से और 2260 किमी 9 हजार सफाईकर्मी करते हैं। अब 400 किमी की सफाई और मशीनों से होगी। 575 डोर टू डोर कचरा वाहन 467 रूट पर दौड़ते हैं। फोटो हाईकोर्ट तिराहे का।

हर बार इंदौर ने चुनौती को दी मात
2016 में सिर्फ 73 शहरों से शुरू हुआ सर्वेक्षण 2020 में 4242 शहरों तक पहुंचा। इसमें 62 कंटोनमेंट बोर्ड और 97 गंगा किनारे बसे शहरों को भी लिया। सिटीजन फीडबैक में 1.87 करोड़ से ज्यादा लोगों की राय ली गईं। 2016 में सर्वेक्षण के अंक 2000 थे, जो 2020 में 6 हजार हो गए। इस बार ये थी चुनौतियां: सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक, सभी के लिए टॉयलेट, वेस्ट पिकर्स का उद्धार, सूखे कचरे को प्रोसेस कर निपटान, गीले कचरे को प्रोसेस करना, गंदे पानी को ट्रीट कर उपयोग में लाना।

.2016 में यह थी यहां की तस्वीर…

देवगुराड़िया स्थित इस ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का पहाड़ 8949 सफाई कर्मियों के प्रयासों से खत्म कर दिया गया। इसके मॉडल को दिल्ली ने भी अपनाया है।

देवगुराड़िया स्थित इस ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का पहाड़ 8949 सफाई कर्मियों के प्रयासों से खत्म कर दिया गया। इसके मॉडल को दिल्ली ने भी अपनाया है।

इंदौर लगातार नेक्स्ट लेवल पर हर बार के प्रमुख फैक्टर से समझिए
• 2017• कलेक्शन (डोर-टू-डोर)

इंदौर पहली बार नं. वन बना, तब चुनौती थी कि हर घर से कचरा उठे। कचरापेटियां हटें। निगम ने यह कर दिखाया।

• 2018• सेग्रीगेशन (गीला-सूखा)
गील, सूखे कचरे को अलग-अलग लेने लगे। खुले में शौच मुक्त कर ओडीएफ प्लस का अवाॅर्ड जीता।

• 2019• जीरो वेस्ट (ट्रेंचिंग ग्राउंड)
हैट्रिक के लिए निगम ने ट्रेंचिंग ग्राउंड में सालों से फैले 12 लाख मैट्रिक टन कचरे के पहाड़ को खत्म किया।

• 2020•रेवेन्यू (41.5 करोड़ )
कचरा शुल्क से 40 करोड़ और कचरे से कच्चा माल तैयार कर 1.5 करोड़ सालाना कमाई की।

  • इंदौर की जीत की घोषणा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने की मुझे इंदौर में एक जापानी अफसर मिला, बोला मैं गंदगी ढूंढने के लिए शहर घूमा था, लेकिन नहीं मिली। इससे बड़ी तारीफ किसी शहर के लिए नहीं हो सकती। – इंदौर की जीत की घोषणा करते हुए हरदीपसिंह पुरी, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री
  • मुख्यमंत्री ने दी बधाई इंदौर ने देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। इंदौर ने देश के 4242 शहरों को पीछे छोड़कर इतिहास रचा है। मप्र ने भी एक छलांग लगाकर देश के सबसे साफ राज्य में तीसरा स्थान पाया है। -शिवराजसिंह चौहान, मुख्यमंत्री
  • हमने सभी को सिखाया, वे हमारे बराबर खड़े हो गए, इसलिए कठिन था चौका इंदौर के लिए हैट्रिक लगाने से भी ज्यादा कठिन चौका लगाना था। ऐसा इसलिए क्योंकि जब शासन ने इंदौर को स्वच्छता का एक इंस्टिट्यूशन बना दिया तो दूसरे शहरों के दल हमारे यहां की व्यवस्था देखने आने लगे। इससे हमारा इनफ्रास्ट्रक्चर, तरीके और पैटर्न दूसरे शहरों ने भी पूरी तरह अपने क्षेत्रों में लागू किए। इससे हमारे लिए नं. 1 के खिताब को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता गया। इससे पहले स्वच्छता सर्वेक्षण साल में एक बार होता था। इस बार तीन क्वार्टर में लीग चली। इसके साथ ही सिटीजन फीडबैक का बड़ा रोल हो गया। -आशीष सिंह, तत्कालीन निगमायुक्त इंदौर

महामारी नहीं, आज महागौरव के आंकड़े

फीडबैक और लीग के रिजल्ट में सूरत से 127 अंक आगे रहा इंदौर

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घोषणा से पहले मोबाइल पर यह चला…

(मीम)

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