गाड़ियों के इंश्योरेंस के लिए जरुरी है ये सर्टिफिकेट
अगर आप भी दोपहिया या फिर चार पहिया वाहन मालिक हैं तो इंश्योरेंस से जुड़ा ये नियम आपके लिए है जरुरी. क्योंकि अब गाड़ियों का इंश्योरेंस रिन्यू कराना आसान नहीं होगा.
वाहन का इंश्योरेंस का ये है नियम-
इरडा ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि वाहन मालिक के पास प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर किसी भी वाहन का इंश्योरेंस नहीं होगा. इस बारे में 20 अगस्त 2020 को इरडा ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली और एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के उक्त निर्देश के पालन की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि इस नियम का सख्ती से पालन किया जाए. दिल्ली एनसीआर में इसका खासतौर से ध्यान दिया जाए.
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पीयूसी एक सर्टिफिकेट है जो वाहनों से पैदा होने वाले प्रदूषण नियंत्रण मानकों को पूरा करने के बारे में बताता है. देश में सभी प्रकार के मोटर वाहनों के लिए प्रदूषण मानक स्तर तय किए जाते हैं. एक बार जब कोई वाहन सफलतापूर्वक पीयूसी जांच में सफल हो जाता है तो वाहन मालिक को एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है. इस सर्टिफिकेट की मदद से आपको पता चलता है कि आपके वाहन का प्रदूषण तय स्तर पर है. यह पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हैं. सरकारी नियमों के मुताबिक सभी वाहनों को अनिवार्य रूप से एक वैध पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है.
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मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत, जो पिछले साल जारी किया गया था, PUC मानदंडों का उल्लंघन करने पर रु 10,000 का जुर्माना लगेगा. हालांकि, नए मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम को पूरे भारत में लागू किया जाना बाकी है. भारत में सभी वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र होना अनिवार्य हैं. पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के हेड मोटर इंश्योरेंस सज्जा प्रवीण चौधरी ने कहा कि वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक साल के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती है. इसे समय समय पर रिन्यू कराना पड़ता है.